आगरा (UP): फौजी परिवार पर एससी एसटी एक्ट लगाने के बाद पत्नी को जलाने के आरोप लगे हैं।
उत्तरप्रदेश के आगरा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पूर्व फौजी की पत्नी की जलाकर हत्या कर दी गई है। महिला ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ा। महिला की हत्या का आरोप फौजी के पड़ोस में रहने वाले एक परिवार पर लगा है।
आरोपी पक्ष पर लगे गंभीर आरोप
अमर उजाला अखबार की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि ये सनसनीखेज मामला आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र के पुष्पांजलि इको सिटी का है। बताया जा रहा है कि आरोपी पक्ष ने कुछ दिन पहले पूर्व फौजी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में समझौता कराने के लिए वारदात से पहले आरोपी पक्ष की कोठी पर पंचायत भी बुलाई गई थी।
मूलरूप से बुलंदशहर निवासी अनिल कुमार राजावत 23 पैरा से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह पांच साल से कॉलोनी में रह रहे हैं। अनिल के साले शिवराम सिंह ने बताया कि संगीता के जुड़वां बेटे आठ साल के आयुष और पीयूष हैं। नौ अक्तूबर को दोनों बच्चे और कॉलोनी के ही भरत खरे का 10 साल का बेटा बिट्टू खेल रहे थे।
पीयूष और बिट्टू में झगड़ा हो गया। पीयूष ने पत्थर उठाकर मार दिया। बिट्टू के चोट लग गई। जिसके बाद बिट्टू की मां सुनीता और संगीता में कहासुनी हो गई। बाद में भरत खरे ने थाना ताजगंज में एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया था। मामले में रविवार की शाम कॉलोनी में पंचायत हुई। इसमें संगीता को माफी मांगने पर मजबूर किया गया। शिवराम ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष की अनुचित मांगों के कारण समझौता नहीं हुआ।
पड़ोसियों पर लगाया हत्या का आरोप
शिवराम का कहना है कि संगीता मौके से चली गई। पीछे से भरत खरे, उसकी पत्नी सुनीता सहित उनके रिश्तेदार अन्य लोग गए और उन्होंने मिट्टी का तेल संगीता पर डालकर आग लगा दी। चीख-पुकार सुनकर अनिल पहुंचे। उन्होंने रेत डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। वह खुद भी झुलस गए। बाद में कॉलोनी के लोगों ने आग बुझाई थी। परिजन मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर आने की बात कर रहे हैं। थाना ताजगंज पुलिस को जानकारी दे दी गई है।
पंचायत में पैर छूकर मांगी माफी, पर समझौता नहीं
शिवराम का कहना है कि समझौते के लिए रविवार शाम कॉलोनी में पंचायत हुई थी। भरत खरे की ओर से बुलाई पंचायत में कॉलोनी के 15 लोग और उसके 15 रिश्तेदार भी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भरत ने समझौते के लिए पहले 10 लाख रुपये मांगे, बाद में पांच लाख रुपये देने की कहने लगा। एक लाख रुपये तक देने के लिए कहा लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। बाद में कहा कि पैर छूकर माफी मांगो। अनिल और संगीता ने उसके परिवार के लोगों के पैर छुए। जब उसने रिश्तेदारों के भी पैर छूने की कहा तो संगीता चली गई।
पुलिस की कार्रवाई से डरे हुए थे:
कॉलोनी के लोगों का कहना था कि दोनों पड़ोसी हैं। बच्चों में मामूली झगड़ा हुआ। इसमें मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी जल्दबाजी की। बिना जांच के अनिल को एकता चौकी पर बुला लिया। सुबह 11 बजे से रात दस बजे तक बैठाकर रखा। इससे अनिल और संगीता तनाव में आ गए। उन्हें लगा कि पुलिस जेल भेज देगी। कॉलोनी के लोग जब चौकी पर गए, तब अनिल को छोड़ा गया।
जलती हुई दौड़ी महिला, सहम गए लोग
संगीता जलते हुए घर से बाहर आ गई थी। उसे देख लोग सहम गए। कॉलोनी के राजकिशोर, राजीव और महेश ने बताया कि वह घर के बाहर खड़े थे, तभी संगीता चिल्लाते हुए बाहर निकली। वह जल रही थी। उसी समय कुछ लोग भाग रहे थे। यह नहीं पता कि उन्होंने ही संगीता को जलाया लेकिन सवाल यह है कि वे भाग क्यों रहे थे।
सीओ से की थी शिकायत
क्षेत्राधिकारी (सीओ) से की थी शिकायत कॉलोनी के लोगों ने बताया कि मामूली झगड़े में दंपती पर एससी एसटी का केस दर्ज कराने पर वे सीओ सदर महेश कुमार से मिले थे। उन्होंने कह दिया कि जांच होगी, इसी के बाद तय होगा कि क्या सही है और क्या गलत है।