रांची: झारखण्ड में आरक्षण को बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ी घोषणा करी है। झामुमो पार्टी के मैनिफेस्टो में से एक बड़ा वादा आरक्षण के क्षेत्र को बढ़ाना भी था।
जिसका मसौदा अब बनकर तैयार हो चूका है जिसे सरकार जल्द ही पारित कर लागु कर सकती है। नए प्रावधान के तहत राज्य में ओबीसी का आरक्षण मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जायेगा।
वहीं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को भी 26 से बढ़ाकर 28 फीसदी किया जायेगा। साथ ही अनुसूचित जाति के आरक्षण को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जा रहा है।
कुल मिलाकर प्रदेश में आरक्षण का दायरा 77 प्रतिशत तक चला जायेगा जिससे मेरिट एक बार फिर सिमटकर महज 23 फीसदी पर रह जाएगी।
सरना धर्म को किया जायेगा हिन्दू धर्म से अलग
आरक्षण बढ़ाने के साथ ही आदिवासियों को अलग से सरना धर्म का स्वरुप देने के लिए सरकार सरना धर्म कोड बिल लाने जा रही है जोकि प्रदेश में रहने वाले लाखो आदिवासियों को एक अलग धर्म के तहत जाने को मजबूर कर देगा।
सरना धर्म कोड बिल के आने से यह एक अलग धर्म की तरह लिया जाएगा। वहीं इस बिल को पास करने को लेकर हिन्दू संगठनों में रोष बना हुआ है उन्होंने सरकार को मिसनरियो के हाथो की कठपुतली तक करार दिया है।
आपको बता दें कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल को पास करने का मन बना चुकी है। जिसमे अतिरिक्त आरक्षण व सरना कोड बिल पास करने को लेकर हेमंत सोरेन प्रतिबद्ध है।
ज्ञात होकि सरना कोड बिल को अंग्रेजो ने 1871 को स्थापित किया था जिसे भारत की आज़ादी के बाद वर्ष 1951 में कांग्रेस सरकार द्वारा हटा लिया गया था।
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