पेरिस: फ्रांस के विपक्ष ने हमले के बाद कहा कि देश से पाकिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों के आव्रजन को तुरन्त खत्म कर देना चाहिए।
विपक्षी दल के नेता मेरिन ले पेन ने मांग की है कि फ्रांस के खिलाफ इन राष्ट्रों के हिंसक विरोध और खतरों के मद्देनजर फ्रांस को तुरंत पाकिस्तान और बांग्लादेश से शरणार्थियों के आव्रजन को समाप्त करना चाहिए।
भारत का भी जताया आभार:
फ़्रांस में हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में फ्रांस के साथ देने की बात भी कही है। इस कदम का स्वागत भी विपक्षी नेता मेरिन ने किया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि “भारत और इसकी सरकार को धन्यवाद, जिन्होंने फ्रांस को अपना समर्थन दिया है, जो अपने मूल्यों को छोड़ने के लिए धमकी झेल रहा है।”
बता दें कि मेरिन राष्ट्रवादी फ्रांसीसी नेता हैं व पूर्व यूरोपीय संसद सदस्य जैसे यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुकी हैं। उनकी ये मांग तब आई है जब बांग्लादेश व पाकिस्तान में हर ओर फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉन के खिलाफ भीषण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
हमलावर के कब्जे से मिली कुरान:
चर्च में हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस ने हमले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआत की जानकारी के बाद आतंकवाद निरोधक अभियोजक ने कहा कि नीस हमलावर, जो 1999 में पैदा हुआ था, एक संभावित खतरे के रूप में खुफिया एजेंसियों के रडार पर नहीं था।
अभियोजक जीन-फ्रेंकोइस रिकार्ड ने चर्च के अंदर भीषण दृश्य का अवलोकन किया जहां गुरुवार को एक आदमी और महिला को हमलावर ने मार डाला था। तीसरा पीड़ित, एक 44 वर्षीय महिला जो भागने में सफल रही, उसकी पास के रेस्तरां में मौत हो गई। एक 60 वर्षीय महिला जिसकी बॉडी चर्च के प्रवेश पर पाई गई थी।
55 वर्षीय व्यक्ति की भी गला काटने के बाद मौत हो गई। एक हत्या के लिए एक जांच शुरू की गई तो एक मुस्लिम पवित्र पुस्तक कुरआन और दो टेलीफोन हमलावर पर मिली चीजों में से थे। यह भी पाया गया कि हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू 17 सेंटीमीटर (6.7 इंच) ब्लेड के साथ था। हमलावर के निजी मामलों के साथ एक बैग में एक और दो अप्रयुक्त चाकू पाए गए।