नई दिल्ली :- मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का एससी-एसटी एक्ट पर फैसला बिना किसी बहस के संसद में तो जरूर बदल दिया गया हो, लेकिन बीजेपी और आरएसएस को अब इसका बहुत बड़ी मात्रा में विरोध झेलना पड़ रहा है। यहाँ तक कि बीजेपी के बहुत-से नेताओं पर तो बिहार में हमले भी हो चुके हैं।
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने आरएसएस और मोहन भगवत के साथ मीटिंग की है, जिसमे एससी-एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने और राम मंदिर के मुद्दे पर चर्चा हुई है। बीजेपी के राष्ट्राध्यक्ष अमित शाह भी बीजेपी के नेतृत्व का हिस्सा थे।
अमित शाह ने कहा कि सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने का विचार “सबका साथ सबका विकास” से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि पार्टी सबका विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है और सबकी प्रगति के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि 2019 में बीजेपी सत्ता में आती है तो पार्टी और मजबूत होगी।
राम मंदिर पर अमित शाह ने कहा कि बीजेपी राम मंदिर के निर्माण के लिए वचनबद्ध है, लेकिन सरकार संविधान से बंधी हुई है और कोर्ट फे फैसले का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द ही सुनवाई करने जा रहा है और हमे उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आयेगा।