मद्रास (TN) : हाईकोर्ट द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने वाली SC जातियों पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया है।
मामला अनुसूचित वर्ग के प्रमाण पत्र से जुड़ा है जिसमे एक व्यक्ति द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने के बाद अनुसूचित वर्ग का प्रमाण पत्र माँगा गया था जिस याचिका को कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है।
दरअसल याचिका कर्ता जीजे तमिलारास की ओर से इरोड जिला कलेक्टर से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र माँगा था जिस मांग को कलेक्टर द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
कलेक्टर द्वारा प्रमाण पत्र देने से इंकार करने के बाद याचिका कर्ता ने हाई कोर्ट का रुख यह कहते हुए करा था कि उसने बौद्ध धर्म तो अपना लिया है परन्तु समाज उसे अभी भी उसी नजर से देखता है।
मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस आर सब्बिहा और जस्टिस आर पोंगिअप्पन की बेंच द्वारा सुनवाई के दौरान यह कहा गया कि “संविधान के तहत निर्धारित अनुसूचित जाति सूची में बौद्ध धर्म की आदि द्रविड़ के रूप में कोई जगह नहीं है”।
आपको हम बताते चले कि आवेदन को 24 अगस्त 2017 को निरस्त कर दिया गया था जिसके बाद याचिका कर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी ।
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पर यह किस तरह से प्रूफ होगा कि इसने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है ? और कौन उसे चेलेंज करेगा ? *
सही कदम