दिल्ली – चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर को 3 जनवरी को तोड़ दिया गया. नगर निगम ने दिल्ली ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद ये कदम उठाया. निगम वालों का कहना हैं कि चांदनी चौक का पुनर्विकास हो रहा है. इसी के चलते अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने पाया कि हनुमान मंदिर अतिक्रमण वाली जगह पर बना है, ऐसे में मंदिर को ढहाने का आदेश दिया गया था. मंदिर ढहने के बाद राजनैतिक दलों में गहमागहमी हो गई कांग्रेस, भाजपा और AAP को एक-दूसरे के सिर पर इसका ठीकरा फोड़ते देखा गया था.
स्थानीय लोगों का विरोध
दिल्ली में 3 जनवरी 2021 को चांदनी चौक में 50 साल पुराना मंदिर रविवार को तोड़ दिया गया. इस मंदिर को तोड़ने के दौरान भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. जिससे लोग विरोध नहीं कर सके. लेकिन मंदिर तोड़े जाने को लेकर इलाके के लोगों में रोष व्याप्त था. लोगों का कहना था कि उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अन्य धार्मिक स्थानों के लिए छूट है तो मंदिर ही क्यों तोड़ा गया है.
लोगों ने खुद करवाया मंदिर निर्माण
चांदनी चौक में हटाए गए 50 साल पुराने मंदिर के स्थान पर स्थानीय लोगों ने रातभर में फिर हनुमान बना दिया. इस मंदिर के बनाए जाने का पता शुक्रवार को चला. मंदिर में हनुमान जी की वही मूर्ति रखी गई है जो पहले वाले मंदिर में थी. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्टोर से बृहस्पतिवार रात को मूर्ति को लाया गया. इसके बाद मंदिर का निर्माण किया गया. वहीं अब दिल्ली भाजपा के नेता भी बजरंग बली के दर्शन करने मंदिर पहुंचे रहे हैं।
हमें लगी जानकारी के अनुसार एक दिन पहले मंदिर को स्थापित किया जाना था, लेकिन किन्ही कारणवश नहीं हो सका वहीं, स्थानीय लोगों ने मिलकर बृहस्पतिवार रातभर में स्टील और लोहे से दूसरा हनुमान मंदिर बना दिया हैं. सुबह मंदिर पहुंचे लोगों ने पहले तो दर्शन किए फिर जय श्रीराम और बजरंग बली के नारे भी लगाए. लोगों का कहना हैं कि ये हमारी श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं. लोगों ने कहा हमें ये कतई स्वीकार नही हैं.
राजनैतिक पार्टियों के आरोप प्रत्यारोप
दिल्ली के चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर तोड़े जाने का आरोप बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर लगाया था. वहीं, आप ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि ये बीजेपी वालों का काम हैं. कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही और एक दूसरे पर आरोप लगाते दिखी. लगातार त्योहारों के चलते हनुमान मंदिर को तोड़ पाना संभव नहीं हो पाया, लेकिन जब तैयारी पूरी हुई तो मंदिर को दिल्ली नगर निगम ने अपनी कार्रवाई के तहत तोड़ दिया था.
Kapil reports for Neo Politico Hindi.