बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में भीम आर्मी समर्थित दबंगो द्वारा माँ काली की मूर्ति को हटा कर आंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने का मामला सामने आया है। जिले के ग्राम हरेवा शुक्ल में बीते दिनों लोगो को यह सुचना मिली कि जहां पर माँ काली की मूर्ति स्थापित है वहां आंबेडकर की मूर्ति को लगा दिया गया है। वहीं माँ काली की मूर्ति अपनी जगह से गायब थी।
गाँव के हिन्दू संगठनों ने बताया कि मूर्ति करीब 35 से 40 वर्षो से अपने स्थान पर स्थापित थी। जिसे भीम आर्मी के समर्थन से लड़ रहे अश्वनी उर्फ़ मोनू द्वारा हटवाया गया है। आगे गाँव के ही प्रवीण शुक्ल ने हमें बताया कि अश्वनी गौतम ने जगह जगह आंबेडकर की ऐसे ही मूर्तियां स्थापित करने का वादा कर चुनाव लड़ा था जिससे वह दलितों को अपने पक्ष में लामबंद कर सके।
25 अप्रैल को हटाई गई थी मूर्ति
प्रवीण शुक्ल ने बताया कि उन्हें बीते दिन सूचना मिली थी कि आंबेडकर व महात्मा बुद्ध की मूर्ति को 25 अप्रैल के आस पास स्थापित किया गया था। मामले पर तुरंत हिन्दू संगठनो द्वारा रोष दिखाते हुए इसकी शिकायत प्रशासन से की गई। ग्रामीणों के रोष को भांपते हुए तुरंत मौके से बुद्ध व आंबेडकर की मूर्ति विस्थापित करने पर सहमति बन गई।
काफी नोक झोक के बाद हुआ सुलहनामा
ग्रामीणों के आक्रोश को भांपते हुए बुद्ध व आंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने वाले शिव कुमार ने सुलहनामा लिखते हुए मूर्ति हटाने पर सहमति जाता दी। साथ ही अब पहले की तरह मौजूदा जगह पर काली माँ की मूर्ति को स्थापित किया जायेगा। SDM की मौजूदगी में 6 मई को मौजूदा मूर्तियों को विस्थापित कर माँ काली की मूर्ति को स्थापित किया जायेगा।
महाराष्ट्र में भी तोड़ी गई थी मूर्तियां
यह कोई पहली घटना सामने नहीं आई है जहां हिन्दू देवी देताओ की मूर्तियों को तोड़कर आंबेडकर या बुद्ध की मूर्तियों को स्थापित किया गया हो। ऐसे ही एक प्रकरण में महाराष्ट्र के लातूर जिले में हिन्दू देवी देवताओ की मूर्तियों को JCB से तोड़कर आंबेडकर का मंदिर बनाया गया था। साथ ही प्रकरण का विरोध करने पर एक परिवार पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा कायम करा दिया गया था।