दौसा: राजस्थान में मंदिर के पुजारियों पर अत्याचार और मंदिर माफी की जमीन पर कब्जा करने के बढ़ते मामलों के बीच अब एक और प्रकरण सामने आया है जहां मंदिर के नाम भूमि पर गांव के दबंग युवकों ने कब्जा कर लिया।
मामला दौसा जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के मोरोली गांव का है जहां ठाकुर जी के मंदिर के पुजारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा की ढाई बीघा जमीन पर गांव के युवक सुमेर सिंह फौजी और ग्यारसी लाल गुर्जर ने अतिक्रमण कर लिया।
पुजारी राजेंद्र शर्मा की जीवन यापन का एकमात्र स्रोत यही भूमि है जिस पर फसल उगा कर परिवार का पेट पाला जाता था। पुजारी ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले लोग बड़े सरकारी अधिकारी हैं जिसके प्रभावशाली व्यक्तित्व के चलते पुलिस भी ठीक तरह से मामले की सुनवाई नहीं कर रही थी।
पुजारी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपियों के साथ मिलीभगत होने के चलते पुलिस ने ना तो इस संबंध में मामला दर्ज किया और ना ही उनकी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया।
पुजारी राजेंद्र ने बताया कि दबंग लोगों के चलते वह आज अपनी ही जमीन पर पैर नहीं रख सकते, आरोपी लोग उन्हें धमकाते हैं और जातिसूचक शब्दों से भी प्रताड़ित करते हैं।
जमीन छिन जाने के बाद पुजारी जी के पास परिवार के पेट पालन का कोई अन्य स्रोत नहीं रहा जिसके कारण पुजारी ने परसों आत्महत्या का प्रयास भी किया।
पुजारी ने उस दिन सुबह ही अपनी पत्नी और बेटे को उनके मामा के घर भेज दिया और उनके जाने के बाद आत्महत्या के उद्देश्य से मंदिर के गुंबद पर चढ़ गए। जहां तेज दुपहरी के कारण पैर जलने पर पुकारे तो उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने पुजारी जी को बचाया और पुलिस को सूचना दी।
पुजारी के साथ हुए अन्याय के के खिलाफ हिंदू संगठन से जुड़े लोग और ब्राह्मण समाज के लोग जुटने लगे हैं। इसी क्रम में पुजारी राजेन्द्र द्वारा परसों आत्महत्या की कोशिश करने के बाद कल विप्र सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे व मामले की पूरी जानकारी ली। संगठन ने पुजारी को न्याय दिलाने का पूरा आश्वासन भी दिया।
उधर पुजारी का कहना है कि यदि जल्दी से जल्दी उनकी जमीन उन्हें वापस नहीं मिलती है तो वे आत्महत्या कर लेंगे।