मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मीरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में पुलिसकर्मियों द्वारा पुरोहित की पिटाई के मामले में पुलिस अधीक्षक ने दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पुलिस ने कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन न करने और उल्लंघन करने पर तीर्थ पुरोहित के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
मंदिर के पुरोहित के साथ मारपीट
गौरतलब है कि मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में रविवार की दोपहर कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपने यजमान को दर्शन कराने लेकर जा रहे तीर्थ पुरोहित की वहां तैनात पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई थी।
जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने मिलकर पुरोहित अमित पांडेय की जमकर पिटाई कर दी। हुए विवाद में पुलिस और पंडा समाज आमने-सामने आ गए। भारी विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए विंध्याचल कोतवाली के थानेदार ने मौके पर पहुंचकर तीर्थ पुरोहित से बात कर मामला शांत कराया।
पंडा समाज ने पुलिस पर लगाये आरोप
वही पंडा समाज और पुरोहितों द्वारा आरोप लगाये गए हैं कि शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रहने के दौरान वहां तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अधिकारियों और अपने परिचितों को दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन पंडों को ऐसा करने से रोका जा रहा था।
पुलिसकर्मी हुए निलंबित
विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में हुए विवाद में पुलिसकर्मियों द्वारा तीर्थ पुरोहित के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मी राज नरायण यादव और राम नरेश सिंह को को निलंबित कर दिया है। विंध्यवासिनी मंदिर के तीर्थ पुरोहित के खिलाफ भी कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
मिर्जापुर पुलिस ने दिया अपना तर्क
घटना का वीडियो वायरल होने पर लोगों ने पुजारी की पिटाई की भर्त्सना की। वहीं अब पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि शासन द्वारा निर्धारित कोविड गाइडलाइन के अनुसार शनिवार व रविवार को मां विन्ध्यवासिनी मंदिर बन्द रहता है। मंदिर बन्द रहने के बावजूद भी स्थानीय पण्डा द्वारा दर्शनार्थियों को अपने साथ लेकर मंदिर में प्रवेश कर दर्शन करवाने हेतु ले जाया जा रहा था। जिसको ड्यूटी पर मौजूद पुलिस बल द्वारा रोका गया तो पुलिस से हाथापाई की गई। फलस्वरूप पुलिस द्वारा भी बल पूर्वक रोका गया। पूरे प्रकरण की क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा जांच करायी जा रही है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.