मुंगेर: बिहार के मुंगेर गोलीकांड के पीड़ित अनुुुराग पोद्दार के परिवार को आखिरकार प्रशासन ने आर्थिक सहायता प्रदान कर दी है।
मुंगेर दुर्गा विसर्जन के दौरान पुलिस के गोली से शहीद हुआ श्रद्धालु अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार को मुआवजा राशि सौंपी गई है। मुंगेर डीएम नवीन कुमार ने पद संभालते ही दस लाख रूपये मुआवजा राशि पत्र पिता को दी है।
इसकी जानकारी खुद अनुराग की मां ने एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा “मेरी मुंगेर याचिका में पारित आदेश के पालन में बिहार सरकार ने अनुराग पोद्दार के पिता को आज 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि दे दी।
एडवोकेट श्रीवास्तव ने आगे ये भी कहा कि हाईकोर्ट की निगरानी में जाँच जारी है। वकील के तौर पे मेरे लिए गर्व का क्षण। माँ दुर्गा मुझे राष्ट्र, धर्म व वंचितों की सेवा के और भी अवसर दें।
अनुराग को 10 लाख मुआवजा देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी बिहार सरकार:
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर माह में मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई गोलीकांड मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 4 जून 2021 को पटना उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने गोलीकांड में मारे गए 18 वर्षीय लड़के अनुराग पोद्दार के पिता को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि ‘‘यह भयावह है कि एक युवा को गोली मारी गई।’’
सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि पुलिस ने मामले की ठीक तरह से जांच नहीं की क्योंकि मुंगेर की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्ताधारी दल के एक सदस्य की रिश्तेदार हैं। पिछले वर्ष 26 अक्टूबर को देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के दौरान हुई झड़प में गोली मारी गई थी। जिसके बाद 18 वर्षीय युवक अनुराग पोद्दार की मृत्यु हो गई थी। अनुराग की पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट में भी मौत का कारण गोली लगना स्पष्ट हुआ था।
अनुराग की मां ने एडवोकेट अलख के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील:
अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार ने 6 जनवरी 2021 को पटना हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट दाखिल की थी। उन्होंने मामले में सीबीआई जांच और 5 करोड़ मुआवजे की मांग की थी। उनके एडवोकेट मानस प्रकाश ने क्रिमिनल रिट में अर्जेंट हियरिंग के लिए मेंशन किया था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिसके बाद अनुराग की मां ने एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की थी। इस पर 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को 2 महीने में पिता की अपील पर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था।
पटना हाई कोर्ट ने 12 फरवरी को पहली सुनवाई में राज्य सरकार से 10 मार्च तक इस केस में जवाब मांगा था। एडवोकट मानस प्रकाश के मुताबिक SP और इस केस से जुडे़ पुलिस वालों को मुंगेर से हटाए जाने के साथ ही दो बड़े निर्देश जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की बेंच की तरफ से दिए गए हैं।
अमरनाथ पोद्दार ने की थी अदालत से सीबीआई जांच की मांग
पटना हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल को राज्य सरकार को मृतक अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। अमरनाथ पोद्दार ने अदालत से सीबीआई जांच और 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा, ‘‘पुलिस ने 18 साल के एक युवक को गोली मार दी थी और हम कह सकते हैं कि जिस तरह से पुलिस ने इस मामले की जांच की है, वह वाकई चौंकाने वाला है।’’ पीठ ने कहा कि उसे निर्णय और आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिलता है। पीठ ने कहा कि तदनुसार विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।