नबरंगपुर: ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रदीप मांझी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मांझी ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है।
पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष को लिखे पत्र में, मांझी ने कहा, “पार्टी का संगठन आपके (सोनिया गांधी) गतिशील नेतृत्व द्वारा बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया था, जो धीरे-धीरे अलग-अलग स्तरों पर प्रमुख पदों पर रहने वाले अड़ियल व्यक्तियों के कारण कम हो गया था और अब पार्टी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है जिसे पुनर्जीवित करने में लंबा समय लग सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जिस भी पद पर हूं, अपने लोगों की सेवा करने की बड़ी इच्छा रखता हूं, जिसकी कमी अब कांग्रेस पार्टी में है। इसलिए मैं उस पार्टी को दुखी होकर छोड़ रहा हूं जिसके लिए मुझे क्षमा किया जा सकता है। हालांकि मैं आपकी विचारधारा के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा और लोगों की अत्यधिक संतुष्टि के साथ सेवा करूंगा।”
पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि मांझी कांग्रेस छोड़ देंगे। मांझी ने यह कहकर अटकलों को तेज कर दिया था कि कांग्रेस और बीजद में ज्यादा वैचारिक अंतर नहीं है। अब तो लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि मांझी जल्द सत्ताधारी दल बीजद का हाथ थाम लेंगे।
एक क्षेत्रीय दल में शामिल होने का संकेत देते हुए, मांझी ने कहा था कि राज्य में एक क्षेत्रीय पार्टी के लोगों की सेवा करने की अधिक गुंजाइश है क्योंकि इसका अपनी पार्टी, कांग्रेस की तुलना में व्यापक आधार है।
बता दें कि मांझी जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2009 में ओडिशा की नबरंगपुर सीट से 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। इसके अलावा 31 अगस्त 2009 को विदेश मामलों की समिति के सदस्य भी बनाए गए थे।