बनारस: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व की प्राचीनतम एवं देश की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक नगरी काशी से 100 वर्ष पहले माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति चोरी होकर विभिन्न माध्यमों से कनाडा के एक विश्वविद्यालय में पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से वहां से वह मूर्ति भारत सरकार को प्राप्त हो चुकी है। 15 नवम्बर, 2021 को देवोत्थान एकादशी पर काशी में बाबा विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की इस मूर्ति की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री कल लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अनुकम्पा से अब यह मूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार को प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री के प्रयास से भारत की विरासत को वैश्विक मंच पर विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति एवं शोभा यात्रा की अलग – अलग जनपदों में वहां के प्रभारी मंत्री आगवानी करेंगे। 11 नवम्बर, 2021 को गोपाष्टमी के अवसर पर नई दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा यह मूर्ति भारत सरकार से प्राप्त कर एक चार दिवसीय भव्य शोभा यात्रा के माध्यम से काशी ले जायी जाएगी।
शोभा यात्रा गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर होते हुए वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचेगी।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति वाराणसी के जिस स्थान से कनाडा गयी थी, उसी स्थान पर पुनः प्रतिष्ठित की जाए, मुख्यमंत्री ने आदरपूर्वक मूर्ति को वाराणसी ले जाने का निर्णय लिया।