रतलाम: त्रिपुरा की कथित हिंसा को लेकर अब मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में भी 19 नवंबर को बंद का आह्वान किया गया है हालांकि इसका संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने ऐसा ना करने की बजाय लोकतांत्रिक विरोध करने की चेतावनी दी है।
बीते दिनों सोशल मीडिया पर शहर के काजी का एक पत्र वायरल हुआ था जिसमें वो त्रिपुरा की कथित हिंसा को लेकर जिले में मुस्लिम समाज से बंद में भाग लेने के लिए शहर में प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील कर रहे हैं।
इस पूरे मामले का रतलाम जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है। गुरुवार को जिले के कलेक्टर पुरुषोत्तम ने एक बयान जारी कर कहा कि पत्र को लेकर बुधवार को शहर काजी को बुलाया गया था और हमारी और एसपी से उनसे बात हुई, उनके साथ और भी लोग थे। हमने बड़े स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि रतलाम में किसी को भी चाहे वो किसी समुदाय का व्यक्ति हो माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
कलेक्टर ने आगे कहा कि एक ऐसी घटना जो दूसरे प्रदेश में हुई है या नहीं हुई इसकी क्या सत्यता है वहां की सरकार जाने, न्यायालय संज्ञान ले रहा होगा, उसके बारे में रतलाम में विरोध प्रदर्शन करना और वह भी बंद का आयोजन करना यह उचित नहीं है। लोकतांत्रिक विरोध के और भी तरीके होते हैं मैंने उन्हें कहा कि किसी घटना से परेशानी है तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ज्ञापन दे सकते हैं।
कलेक्टर ने संदेश देते हुए कहा कि रतलाम जिले का माहौल बिगड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो। हमारे नजर उन लोगों पर है जो सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें फैला रहे हैं और उन्होंने माहौल बिगाड़ने कोशिश की तो कार्रवाही सिर्फ पुलिस कार्रवाई तक नहीं सीमित रहेगी ऐसे लोगों के सारे काले धंधे उनका भी परीक्षण किया जाएगा चाहे वह अवैध निर्माण हो या दूसरे धंधे हों।
कलेक्टर के अलावा एसपी ने भी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों को जांचे एवं भ्रामक जानकारी फैलाने पर होगी कार्रवाई। शांति व्यवस्था को डिस्टर्ब करने का अधिकार किसी को नही दिया जाएगा। उल्लंघन करने पर आह्वाहनकर्ता पर होगी कड़ी कार्रवाई।