भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला और अब ऐतिहासिक मिंटो हॉल का नाम भी बदल गया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र में भाग लिया। इस दौरान अपने संबोधन में बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असंख्य युवाओं को संस्कारित कर उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित व्यक्तित्व बनाने वाले, भाजपा को बीज से वटवृक्ष बनाने वाले श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी के नाम पर अब भोपाल का मिंटो हॉल जाना जायेगा।
बता दें कि कार्यसमिति की बैठक से पहले ही मिंटो हॉल के नाम को बदलने की माँग हो रही थी। हालांकि भाजपा के प्रदेश महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने इसका नाम शिक्षाविद व संविधान सभा के पूर्व उपसभापति डॉ हरिसिंह गौर के नाम पर की थी। अंत में नाम बदलकर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई।
कुशाभाऊ ठाकरे का जीवन परिचय
कुशाभाऊ ठाकरे का जन्म 15 अगस्त 1922 में मध्य प्रदेश के धार इलाके में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी ग्वालियर और धार में हुई थी। उनके पिता का नाम डॉ. सुन्दर राव श्रीपति राव ठाकरे और माता का नाम स्व. शांताभाई सुंदर राव ठाकरे है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और जनसंघ
सन 1942 से कुशाभाऊ ठाकरे संघ से जुड़े हैं। वह 1942 में नीमच से प्रचारक बने और बाद में उन्होंने रतलाम की ओर रुख कर लिया (रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, झाबुआ, चित्तौड़, कोटा, बुंडी, झालांसवाड़ा (राजस्थान), दाहोद (गुजरात)।
भारतीय जनसंघ में कार्यभार संभाला और सेवाएं –
1956 : गठन के बाद से ही संगठन सचिव
1967 : अखिल भारतीय जनसंघ सचिव, ओडिशा एवं गुजरात (अतिरिक्त प्रभार)
1974 : अखिल भारतीय सचिव (संगठन)
1977 : मध्य प्रदेश अध्यक्ष, जनता पार्टी
1977 : आपातकाल के दौरान 19 महीनों की जेल
1979 : मध्य प्रदेश के खंडवा से उप-चुनावों में निर्वाचित
1980 : भाजपा के अखिल भारतीय सचिव, 1984 तक गुजरात, ओडिशा एवं मध्य प्रदेश के प्रभारी
1984 से 1986 : अखिल भारतीय उपाध्यक्ष
1986 से 1991 : अखिल भारतीय महासचिव और मध्यप्रदेश प्रभारी
1991 से 1993 : उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं उपाध्यक्ष
1993 : महासचिव (संगठन) और मध्यप्रदेश प्रभारी जनरल
1998 से 2000 : अध्यक्ष, अखिल भारतीय भारतीय जनता पार्टी
28 दिसंबर 2003 को श्री कुशाभाऊ ठाकरे का देहांत हो गया।