चंडीगढ़: पंजाब की नई नवेली आप सरकार ने चंद दिनों के भीतर अपना मुफ्त बिजली का वादा पूरा कर दिया है। हालाँकि इस योजना में सामान्य वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। भगवंत मान सरकार ने राज्य में एक जुलाई से सभी श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 300 यूनिट प्रति माह (यानी प्रत्येक बिजली बिल में 600 यूनिट) मुफ्त बिजली देने का एलान किया है। साथ ही अगर कोई उपभोगता 600 से अधिक यूनिट खर्च करता तो उसे सिर्फ अतिरिक्त यूनिट के पैसे ही देने होंगे। जैसे अगर दो माह में व्यक्ति 670 यूनिट खपत करता है तो उसे महज 70 यूनिट के पैसे देने होंगे।
सामान्य वर्ग के साथ हुआ पक्षपात
सामान्य वर्ग का उपभोगता अगर 600 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करता है तो उसे पूरा बिल देना पड़ेगा। वहीं दूसरे वर्ग से आने वाले उपभोगता को सिर्फ अतिरिक्त यूनिट के पैसे देने होंगे। इस पक्षपाती योजना का विरोध पंजाब के सामान्य वर्ग के परिवारों में हो रहा है।
राज्य सरकार के उक्त एलान से प्रदेश के करीब 73.80 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 62.25 लाख उपभोक्ताओं को सीधे लाभ होगा, क्योंकि उनकी बिजली की मासिक खपत 300 यूनिट से अधिक नहीं है। पीएसपीसीएल के आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ताओं की औसत संख्या लगभग 62.25 लाख है, जिसे अब तक की खपत के पैटर्न के आधार पर निर्धारित किया गया है। यह संख्या कुल उपभोक्ताओं का 84 फीसदी है।
पीएसपीसीएल की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब सरकार पहले से घरेलु उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों को प्रति वर्ष 3998 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी दी जा रही है। इसमें एससी, बीसी व बीपीएल श्रेणी के करीब 21.83 लाख उपभोक्ताओं को 1657 करोड़ रुपये सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा मौजूदा नीतिक (64.46 लाख उपभोक्ता) के अनुसार सात किलोवाट तक लोड क्षमता वाले उपभोक्ताओं को 2341 करोड़ रुपये सालाना सब्सिडी दी जाएगी। यह सारी कुल 3998 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बनती है। सभी उपभोक्ताओं के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली के फैसले से कुल सब्सिडी की राशि बढ़कर 5500 करोड़ पर पहुंच सकती है।