पंजाब : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा तंबाकू के उपयोग की जांच के लिए पंजाब में एक बिल को सहमति देने के बाद पंजाब के सभी हुक्का बारों को स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। गुजरात और महाराष्ट्र के बाद भारत में पंजाब ऐसा तीसरा राज्य है जहां हुक्का बारों पर प्रतिबंध लग गया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति ने सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों (विज्ञापन और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विनियमन) (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को हाल ही में सहमति दी है। पंजाब विधानसभा ने मार्च में विधेयक पारित किया था।
इस बिल को पारित करने का उद्देश्य यह है कि , विभिन्न रूपों में तंबाकू के उपयोग की जांच करना तथा इससे होने वाली विभिन्न बीमारियों पर रोकथाम लगाना।
हुक्का बारों में हुक्का तथा “शीशा” को सेवन करने के लिए लोगों में परोसा जाता है। इसमें तंबाकू का भी उपयोग किया जाता है। जिससे कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। हुक्का में धूम्रपान के लिए एक लंबी पाइप है जो इसे ठंडा करने के लिए पानी के एक कंटेनर के माध्यम से धूम्रपान कराती है।
आंकड़ों के मुताबिक, हुक्का धूम्रपान के एक घंटे में औसतन 20 से 200 पफ होते हैं, जो 50 लीटर धुएं को वितरित कर सकते हैं, जिसमें हानिकारक और कैंसरजन्य रसायनों होते हैं।
ऐसे पदार्थों ( हुक्का या शीशा ) का इस्तेमाल करने से शरीर में कैंसर जैसी भयावह बीमारियों का वास भी हो सकता है। कई मामलों में हुक्का या शीशा शादी विवाह के स्थलों पर भी परोसते हुए देखा गया है। इसे ना केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी बड़े शौक से लेती हैं। इससे कई जहरीली गैस एवं पदार्थों का रिसाव होता है।