गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र में एक टीचर की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बता दें कि गोरखपुर के गोला के बाढ़ा बुजुर्ग के रहने वाले विनय कुमार पांडेय पर गाँव के ही एक दलित परिवार ने आपसी रंजिश में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुक़दमे में विनय को पुलिस ने थाने में बुलाया था जहाँ उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि तबियत बिगड़ने पर वहां मौजूद SO ने इसे नौटंकी बताकर उनके साथ अभद्रता और मारपीट की थी। साथ ही जमकर धमकाया भी। इसके बाद उनको कमरे में ले जाया गया जिसके थोड़ी देर बाद उन्हें एकाएक अस्पताल ले जाने लगे।
शव रखकर प्रदर्शन
घटना के बाद परिजनों का गुस्सा प्रशासन पर फुट पड़ा। परिजनों ने बुधवार रात गोला के चंद चौराहे पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया। देर रात करीब ढाई बजे आईजी और एसपी समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी देर समझाने के बाद सुबह 4 बजे के आसपास जाम खुलवाया गया। साथ ही मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर FIR भी दर्ज की गई।
दो छोटे बच्चे के थे पिता
विनय पांडेय की मौत के बाद उनके दो बच्चों के सिर से पिता का साया चला गया है। परिजनों ने कहा कि अब इन बच्चों की जिम्मेदारी कौन लेगा। वहीँ विनय पांडेय की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। मामले पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आये।
बड़े भाई चंद्रप्रकाश पाण्डेय की तहरीर पर थाना प्रभारी गोला, ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी, चौकी प्रभारी चीनी मील, बसपा नेता कन्हैया निवासी बेवरी, आर्यन पुत्र भोला निवासी बाढ़ा बुजुर्ग, गुलशन पुत्र छंगेलाल निवासी बाढा बुजुर्ग, रामचन्द पुत्र रामनवल समेत 15 अज्ञात लोगों पर धारा 147, 504 व 302 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
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