उदयपुर: महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच राजतिलक को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सोमवार रात सिटी पैलेस के बाहर इस विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। विवाद का केंद्र पारंपरिक राजतिलक की रस्म और एक धार्मिक स्थल पर दर्शन को लेकर मतभेद था। इस घटना के बाद शहर में माहौल तनावपूर्ण हो गया और पुलिस को दखल देना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल राजपरिवार के अंदरूनी मतभेदों को उजागर किया है, बल्कि इससे क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल भी तेज हो गई है। आइए, इस विवाद को चार प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं।
चित्तौड़गढ़ किले में राजतिलक: विवाद की शुरुआत
राजतिलक का यह विवाद महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद शुरू हुआ। उनके पुत्र और नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने चित्तौड़गढ़ किले में पारंपरिक खून से राजतिलक किया। यह रस्म ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ के शासकों की परंपरा का हिस्सा रही है। हालांकि, इस रस्म को लेकर परिवार के कुछ सदस्यों ने विरोध जताया। उनका आरोप था कि यह राजतिलक परिवार की सहमति के बिना किया गया है और इसे निजी स्वार्थ के लिए उपयोग किया गया। परिवार के अन्य सदस्यों ने इसे प्राचीन परंपराओं का गलत तरीके से प्रयोग बताया। राजतिलक की इस रस्म ने परिवार के अंदर पुराने मतभेदों को और गहरा कर दिया।
सिटी पैलेस में धूणी दर्शन पर टकराव
राजतिलक के बाद, विश्वराज सिंह सिटी पैलेस स्थित एक मंदिर में धूणी दर्शन के लिए पहुंचे। यह मंदिर राजपरिवार के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। लेकिन, वहां पहुंचने पर परिवार के कुछ सदस्यों ने उन्हें दर्शन करने से रोक दिया। उनका दावा था कि इस मंदिर में प्रवेश और पूजा के लिए पहले से नियम निर्धारित हैं, जिनका पालन नहीं किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई, जब समर्थकों ने भी विवाद में दखल देना शुरू किया। यह बहस कुछ ही देर में झड़प और हिंसा में तब्दील हो गई।
पत्थरबाजी और पुलिस की कार्रवाई
मंदिर के बाहर हुई इस बहस के बाद समर्थकों और परिवार के सदस्यों के बीच झड़पें हुईं। झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके, जिससे कई लोग घायल हो गए। पत्थरबाजी की वजह से आसपास के इलाकों में भी अफरा-तफरी मच गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तुरंत मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने सिटी पैलेस क्षेत्र को घेर लिया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों को तितर-बितर किया और इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया।
राजपरिवार के विवाद के पीछे की राजनीति
यह विवाद केवल पारिवारिक मतभेद का नतीजा नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक और सामाजिक कारण भी जुड़ते दिख रहे हैं। विश्वराज सिंह, जो भाजपा के विधायक हैं, उनके राजतिलक को लेकर कई राजनीतिक चर्चाएं भी हो रही हैं। परिवार के कुछ सदस्य इस राजतिलक को सत्ता और प्रतिष्ठा हासिल करने का प्रयास मानते हैं। वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह एक वैध परंपरा है, जिसे निभाया गया है। इस घटना ने न केवल परिवार के अंदरूनी विवादों को उजागर किया है, बल्कि राजपरिवार की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद से सिटी पैलेस और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात है। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और स्थिति सामान्य करने के प्रयास में जुटे हैं। इस विवाद ने शहर में बड़ी हलचल पैदा कर दी है और यह देखना बाकी है कि राजपरिवार इन मतभेदों को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है।