नईदिल्ली : OBC आरक्षण बढ़ाने पर MP की कमलनाथ सरकार को सुप्रीमकोर्ट नें झटका देते हुए इसका जवाब माँगा है |
दरअसल मध्यप्रदेश की कमलनाथ वाली सरकार नें सरकार बनने के बाद राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को सत्ता में आने के बाद आरक्षण बढ़ाने का गेम खेला था |
10 मार्च 2019 को एमपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल नें मध्यप्रदेश आरक्षण (SC/ST/OBC) संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी थी | लेकिन अब MPPSC (मध्यप्रदेश राज्य संघ आयोग) परीक्षा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट नें एक याचिका की माँग को देखते हुए सरकार से जवाब माँगा है |
राज्य में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% करने पर कमलनाथ सरकार को झटका देते हुए जवाब माँगा गया है |
याचिकाकर्ता ओंकार सिंह द्वारा दायर याचिका में 1992 के इंदिरा साहिनी केस को संदर्भित करते हुए कहा गया है कि राज्य में ओबीसी आरक्षण 27% होने पर इसकी सीमा 63% पहुँच जाएगी जोकि सुप्रीमकोर्ट के आदेश (1992) का उल्लंघन होगा |
50% आरक्षण की सीमा को पार करने वाले आरक्षण के कई केस को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देने वाली यूथ फ़ॉर इक्विलिटी नें फैसले पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ” सुप्रीमकोर्ट का निर्णय पूरी तरह से देश में मेरिट को सम्मान देने वाला है ” |
YFE अध्यक्ष कौशलकांत नें बताया कि 14 अप्रैल को पूरे देश में जाति उन्मूलन सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है जिसमें देश के 500 से अधिक सामूहिक कैंडल मार्च करेंगे और देश से जाति हटाने का संदेश देंगे ” |