भागलपुर: भागलपुर के बिहपुर थाना में एक दरोगा द्वारा लॉक अप में की गई बर्बर पिटाई के कारण एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक आशुतोष पाठक बंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे व दुर्गा पूजा में अपने भागलपुर स्थित मड़वा गाँव अपने पैतृक घर आये हुए थे।
24 अक्टूबर को दुर्गा पूजा में अपनी बाइक से मृतक आशुतोष पाठक अपनी पत्नी व दो वर्षीय पुत्री के साथ भ्रमरपुर गए थे। जहां दोपहर करीब 3 बजे वापस घर आते समय बैरिकेड को लेकर उनकी किसी व्यक्ति से कहासुनी हो गई थी। जिसपर सिविल ड्रेस में पीछे से दरोगा रंजीत कुमार मंडल ने आकर आशुतोष पाठक को कई थप्पड़ जड़ दिए। जिसका आशुतोष ने जब विरोध किया तो उसे अन्य पुलिस कर्मियों ने बुरी तरह मारना पीटना शुरू कर दिया।
वहीं एकाएक दरोगा रंजीत मंडल उनको पुलिस वैन में बैठाकर थाने ले गए। जिसपर उनकी पत्नी व उनकी 2 साल की बच्ची घबरा गई। वहीं बिहपुर थाने ले जाकर दरोगा ने उन्हें जबरन लॉक अप में बंद कर उन्हें बुरी तरह मारने पीटने लगे। थाने में पहुंची उनके पत्नी से भी दरोगा ने अभद्रता करी व उन्हें धमका कर थाने से बाहर निकाल दिया।
मृतक के भाई सूरज पाठक ने हमें बताया कि लगभग 2 घंटे तक उनके भाई को बुरी तरह पीटा गया था जिससे उसका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया।
आगे सूरज ने बताया कि मृतक आशुतोष की पिटाई के कारण उनकी नाक फट गई थी, छाती की हड्डिया टूट गई व मुँह व कान से बुरी तरह खून निकल रहा था। मृतक के पुरे शरीर में भारी चोट के निशान है जिससे उसका शरीर जगह जगह से काला पड़ गया है।
वहीं जब पिटाई से आशुतोष का पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया तो शाम करीब 6 बजे पुलिस वालो ने उसे आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया जिसके बाद दरोगा सहित सभी पुलिस कर्मी वहां से से भाग खड़े हुए। बुरी तरह पीटे जाने से आशुतोष ने अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया। जिससे पुरे गाँव में भारी रोष है।
दोषी पुलिस कर्मियों को किया गया सस्पेंड
बिहपुर थाने के SHO ने हमें बातचीत में बताया कि दोषी दरोगा रंजीत मंडल व अन्य पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन वह पहले इसे गलत इलाज का बहाना बता हुई मृत्यु दर्शा रहे थे। जोर देकर जब हमारे रिपोर्टर ने उनसे चोटो के बारे में पूछा तो उन्होंने बर्बरता को कबूला। दोषी SHO व अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिजनों ने IPC 302 के तहत मामला दर्ज कराया है।
नाक फोड़ दी, छाती की हड्डी तोड़ दी, मुँह कान से निकले खून से नहाया शरीर
आशुतोष पाठक का मृत शरीर देख सभी लोग दरोगा की बर्बरता देख काँप उठे। आशुतोष पाठक को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी नाक ही फट गई थी। शरीर में जगह जगह काले निशान पड़ गए है। वहीं पूरा शरीर खून से लथपथ पड़ा था। दो घंटे की पिटाई में ही पुलिस कर्मियों ने आशुतोष का यह हाल कर डाला। जिसके शव की हालत देख पूरा परिवार स्तब्ध है।
ग्रामीणों में है भारी रोष, परिजनों ने सरकारी नौकरी व 50 लाख की रखी मांग
पता करने पर हमें मालूम चला कि मृतक बंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। उसे मासिक वेतन के तौर पर 50 से 60 हजार रूपए मिलते थे। वहीं मृतक के बाद उसकी दो साल की बेटी व पत्नी की देखभाल करने वाला भी अब कोई नहीं रह गया है।
जिसके चलते परिजनों ने दोषी पुलिस कर्मियों को हत्या के तहत सजा दिलाने व प्रशासन से 50 लाख मुआवजे की मांग करी है। वहीं आशुतोष की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी सरकार से की गई है।
वहीं बर्बर तरीके से मारे गए सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक की मृत्यु से पुरे जिले में भारी रोष बना हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणों ने रविवार को एनएच 31 को महंत स्थान के पास जाम कर दिया था।
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