संतकबीर नगर- उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर जिले में एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट जैनुद्दीन अंसारी की कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट और दुष्कर्म के आरोप में पांच साल से जेल में बंद आरोपी साहेब राम यादव को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया हैं। कोर्ट ने अपने फैंसले में वादिनी को दिए गए प्रतिकर की धनराशि वसूलने और तत्कालीन सीओ व विवेचक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव उत्तरप्रदेश को आदेश दिए हैं।
बचाव पक्ष के वकील अमित कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में पीड़िता की माँ ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 13 मई 2018 को वह और उसकी नाबालिग लड़की बरामदे में सोई हुई थी, लेकिन रात 9 बजे वह अपने बिस्तर पर नहीं थी। जिसके बाद तलाश की गई तो खेत की तरफ से चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। जब उसने खेत जाकर देखा तो लड़की का मुंह और हाथ पैर बंधे हुए थे और साहेब राम यादव पिता चंद्रर यादव निवासी खेवसिहा उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। शोर मचाने पर आरोपी उसे और उसकी लड़की को जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया।
वहीं पुलिस ने पीड़िता की माॅं की तहरीर पर आईपीसी, पाक्सो एक्ट और एससी एक्ट एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था और विवेचना कर मामले में आरोप पत्र न्यायालय में पेश कर दिया था। जिसके बाद साहेब राम यादव को जेल भेज दिया था।
अधिवक्ता अमित कुमार उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया कि चिकित्स के अनुसार पीड़िता वयस्क है, स्वयं पीड़िता और डाॅक्टर के बयान से स्पष्ट होता है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म जैसी कोई घटना घटित नहीं हुई हैं। न्यायालय की कार्रवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से भी 6 गवाह प्रस्तुत किए गए, वहीं दोनों पक्षों की बहस सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।
इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि विवेचक सेवा निवृत्त पुलिस उपधीक्षक अशोक कुमार मिश्र की घोर लापरवाही की वजह से कथित आरोपी अभी भी जिला कारागार में बंद हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सीओ के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही पीड़िता को प्रतिकर के रूप में मिली धनराशि वसूलने के आदेश दिए हैं। साथ ही पूरे मामले में की गई कार्रवाई से दो महीने के भीतर कोर्ट को अवगत कराने के निर्देश भी दिए हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.