अलीगढ़: जिले के चर्चित शराब कांड में अब तक 87 लोग अपनी जान गवा चुके है। साथ ही 13 लोगो के आँखों की रोशनी जाने की शिकायते प्राप्त हुई है। आरोप है कि जिले में जहरीली शराब का कारोबार काफी लम्बे समय से चल रहा था जिसपर प्रशासन मौन धारण किये हुए था।
एकाएक जहरीली शराब के सेवन से हुई दर्जनों मौतों के बाद प्रशासन की नींद टूटी व आनन फानन में कार्यवाई शुरू की गई। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि जहरीली शराब की फैक्टरी में मिथाइल अल्कोहल की सप्लाई तालानगरी की शयाई व सैनेटाइजर फैक्टरी से हुई थी। यह फैक्टरी शहर के नामचीन कारोबारी विजेंद्र कपूर की है। छापेमारी में इस फैक्टरी से 203 कंटेनर इथाइल व मिथाइल मिला है। इन कंटेनर से 6000 लीटर मिथाइल-इथाइल अल्कोहल जब्त की गई है। फ़िलहाल फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि पंचायत चुनावो में इन्ही शराबो की धड़ल्ले से बिक्री हुई थी। प्रदेश में जहरीली शराब की वजह से केवल इस वर्ष एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसमें प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आधा दर्जन घटनाएं, फतेहपुर, चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, बदायूं, आजमगढ़ और बुलंदशहर में हुई घटनाएं शामिल हैं।
वर्ष के 5 महीनो में ही हो चुकी है एक दर्जन से अधिक घटनाये
प्रदेश में इस वर्ष एक दर्जन से अधिक ऐसी घटनाये सामने आ चुकी है जहां लोगो ने जहरीली शराब के कारण दम तोड़ दिया है। इन मामलो में पहले भी सरकार द्वारा सम्बंधित अधिकारियो को हटाकर खाना फुसी की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। जिसके चलते प्रदेश में अलीगढ़ जैसी घटनाये देखने को मिली। पहले हुई घटनाओं में प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आधा दर्जन घटनाएं, फतेहपुर, चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, बदायूं, आजमगढ़ और बुलंदशहर जिले में हुई घटनाये भी शामिल है।
ज्ञात होकि फरवरी 2019 में सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
13 पुलिस कर्मी निलंबित
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि अलीगढ़ की घटना में अब तक 13 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है जिसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के पांच कर्मी व 8 मुख्य आरक्षी व आरक्षी शामिल हैं।