चंडीगढ़: पंजाब में राजनीतिक संकट के खेमेबाजी के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शाम 5 बजे महत्वपूर्ण कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) पहले इस्तीफा दे दिया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शाम साढ़े चार बजे पंजाब राजभवन गेट पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पहले एमएलए को दिल्ली में बुलाकर दूसरी बार दिल्ली में अब यहां बैठक, यदि आप संशय में है तो मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। 2 महीने में 3 बार बैठक बुलाई गई, इसलिए मैंने फैसला किया कि अब मैं मुख्यमंत्री नहीं रहूंगा।
उन्होंने कहा कि मैंने सुबह ही फैसला दे दिया था। मैंने कांग्रेस प्रेसिडेंट को बता दिया था। तीसरी बार विधायकों की बैठक बुलाई जा रहे हैं ऐसा लगता है कि मुझ पर विश्वास नहीं है जिस पर विश्वास है उसको आप मुख्यमंत्री बना दें।
सीएम ने अपने आवास पर लगभग 12 विधायकों के साथ बैठक की। ऐसा माना जाता है कि कैप्टन ने पार्टी में अपने दोस्तों कमलनाथ और मनीष तिवारी से कहा था कि वह “इस तरह के अपमान के साथ पार्टी में जारी नहीं रह सकते”।
जैसे ही चर्चा शुरू हुई, पूर्व कैबिनेट मंत्री मास्टर मोहन लाल ने सिंह को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और कार्यभार संभालने के लिए आमंत्रित किया।
इस बीच, दिल्ली से पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन और मनीष तिवारी का चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वागत किया, जिसके बाद वे राज्य में पार्टी मुख्यालय पहुंचे।
सूत्रों ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू या सुनील जाखड़ विधायक दल के नए नेता बन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आलाकमान को उम्मीद है कि सिंह विधायक दल की बैठक में बहुमत वाले विधायकों के फैसले का सम्मान करेंगे।
सिंह के आज इस्तीफा देने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री के अधिकारी ने कहा कि उन्हें पद छोड़ने के लिए नहीं कहा गया है। माकन ने लोगों को आश्वस्त किया कि “सब कुछ ठीक है” और “कोई उथल-पुथल नहीं” है।