नई दिल्ली: लोक सभा में मोदी सरकार ने बताया है कि दलित जो धर्म बदल कर ईसाई बने हैं उनको केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
YSR कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद रघु राम कृष्ण राजू ने लोकसभा में सरकार से पूछा था कि क्या अनुसूचित जातियों के कल्याण और विकास के लिए केन्द्रीय प्रायोजित योजना (सी.एस.एस.) का लाभ अनुसूचित जातियों के धर्मातरित ईसाइयों को प्रदान किया जा सकता है।
प्रश्न का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो हिंदू , सिख अथवा यौद्ध धर्म से अलग धर्म को अपनाता है, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा। अनुसूचित जातियों के कल्याण तथा विकास के लिए केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों (सीएसएस) के लाभ अनुसूचित जातियों के ईसाई धर्म में धर्मान्तरितों को नहीं दिए जा सकते हैं।
मंत्री ने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने दिनांक 30.07.2021 के पत्र के अंतर्गत यह सूचित किया है कि उन्होंने समाज कल्याण विभाग के दिनांक 13.08.1977 के जी.ओ.एम.एस. सं. 341 के तहत आदेश जारी किए हैं कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति ( हिन्दुओं ) को प्रदान की गई गैर – सांविधिक रियायतें अनुसूचित जाति के धर्मांतरित ईसाईयों और बौद्धों को भी प्रदान की जाएं। चूंकि यह केन्द्रीय प्रायोजित स्कीमों अथवा अन्य किसी सांविधिक लाभ के संबंध में लागू नहीं होगा इसलिए मंत्रालय द्वारा किसी आगे की कार्रवाई पर विचार नहीं किया गया है।
सांसद ने पूछे थे ये सवाल :
सांसद ने यह भी पूछा कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जी.ओ.एम.एस. संख्या 341 दिनांक 30.08.1977 के तहत अनुसूचित जाति के ईसाई धर्मातरितों को आंध्र प्रदेश राज्य में केंद्र की योजनाओं का लाभ दिया गया है ?
अंत में उन्होंने पूछा कि क्या अनुसूचित जातियों से धर्मातरित ईसाइयों के लिए सी.एस.एस. योजनाओं का ऐसा लाभ कानूनी और संवैधानिक रूप से वैध है और सरकार द्वारा इस संबंध में ऐसी अवैध प्रथाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?