कर्णाटक: आज शाम से ही मीडिया रिपोर्ट कर रहा है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से 530 किलोमीटर दूर तलिकोटि में एक दलित युवक द्वारा सिर्फ बाइक छूने भर से भीड़ ने उग्र होकर दलित युवक को बुरी तरह पिट दिया।
यह खबर दिन भर मीडिया वाले चलाते रहे जिसके बाद हमारे न्यूज़ डेस्क पर भी यह खबर आ धमकी। खबर सुनने में जितनी भयावह थी उतनी ही अटपटी भी कि भला कैसे किसी दलित द्वारा सिर्फ बाइक भर छू लेने से भीड़ ने उसे इतनी बुरी पिट दिया। ख़बर की तह तक जाने के लिए हमने पुरे मामले को समझा व पुलिस और गाँव के लोगो से संपर्क साधने का प्रयास किया।
बुरी तरह घायल हुए युवक के परिजनों के अनुसार सिर्फ बाइक भर छू लेने से पीड़ित को इतनी बुरी तरह उग्र भीड़ पिट कर चली गई। ये था कहानी का एक पहलु जिसे दिन भर मीडिया वाले व तथा कथित दलित नेता सोशल मीडिया पर घुमाते रहे। लेकिन फिर भी न जाने क्यों हमसे यह ख़बर पच नहीं रही थी तो हमने स्थानीय पुलिस व लोगो से संपर्क साधने का मन बनाया।
अधिक जानकारी जुटाने पर हमने पाया कि दलित युवक का नाम काशीनाथ तलवार है जिसकी उम्र 28 वर्ष है। काशीनाथ मीनाजगी गाँव का रहने वाला है जो दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता है। जिसके एकाएक बाइक छू देने भर से उसकी पिटाई का वीडियो बता मीडिया वायरल करने में जुट गया। बल्कि हमारी जांच में मामला इससे बहुत ही गंभीर व उलट निकल कर आया है।
गाँव वालो ने हमें अपनी बातचीत में बताया कि युवक आये दिन महिलाओं को अपना निजी अंग दिखाता था व गाँव की लड़कियों को अश्लील इशारे कर उन्हें छुआ करता था।
यह वह महिलाओं द्वारा कपडे धोने का समय किया जाता था। जिसपर उसे गाँव वालो द्वारा कई बार चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। लेकिन अपनी हरकतों से बाज न आने के बजाये युवक द्वारा दुबारा अश्लील हरकते करने व निजी अंग दिखाने पर गाँव वालो का उसके प्रति गुस्सा भड़क गया जिसके बाद 18 जुलाई शनिवार को गाँव वालो ने युवक की बुरी तरह पिटाई कर डाली।
साथ ही युवक के खिलाफ महिलाओं ने FIR भी दर्ज करवाई हुई है जिसमे युवक पर छेड़छाड़ व अश्लील हरकते करने सम्बंधित शिकायत दी गई।
वहीं मीडिया द्वारा दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने पीड़ित युवक के परिजनों की तहरीर पर गाँव वालो के 13 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने 13 लोगो पर मारपीट के लिए SC ST एक्ट व आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हम दलित युवक को इस तरह पिटे जाने का समर्थन नहीं करते लेकिन किस बखूबी से इसे सवर्ण बनाम दलित की लड़ाई देकर जो द्वेष समाज में फैलाया गया है उसके तहत मीडिया पर भी कार्यवाई की जानी चाहिए।
खैर ख़बर में कन्नड़ को हिंदी व अंग्रेजी में ट्रांसलेट करने के लिए देव धामु का धन्यवाद।
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