जिस दिन कांग्रेस की रैली होती है तो दिहाड़ी मजदूर खुश हो जाते हैं, कहते हैं चलो आज काम न करना पड़ेगा: मायावती

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस अपनी आमजनसभाओं में व यहाँ तक अपनी चुनावी जनसभाओं में भी अपनी भीड़ जुटाने के लिए ज्यादातर दिहाड़ी पर लोगों को लाती है।

लखनऊ में शुक्रवार को एक वार्ता को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि देश में बी.एस.पी. अकेली एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कांग्रेस व अन्य पार्टियों की तरह अपने संगठन को चलाने व चुनाव आदि लड़ने के लिए भी बड़े – बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों से आर्थिक मदद नहीं लेती है और ना ही इसके एवज में उनको राज्यसभा आदि में भेजती है तथा ना ही उनको आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए उनके हिसाब से अपनी सरकार की नीतियाँ बनाकर अपनी सरकार चलाती है।

उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. अपनी सदस्यता के जरिये व अन्य विभिन्न मौकों पर पार्टी के सामर्थ्यवान लोगों से भी पार्टी की सदस्यता के जरिये ही उनसे पार्टी के लिए आर्थिक मदद भी लेती है।

“इतना ही नहीं बल्कि पार्टी के ऐसे लोगों से ही बी.एस.पी. ने समय – समय पर देश में कोरोना व बाढ़ पीड़ितों आदि जैसे अन्य और जरूरतमन्द लोगों की भी विभिन्न रूपों में सीधा मदद भी करवाई है, यह सभी को मालूम भी है। लेकिन इससे ख़ासकर कांग्रेस पार्टी के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है क्योंकि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी के बारे में यह बात सर्वविदित है कि कांग्रेस पार्टी अपनी आमजनसभाओं में व यहाँ तक अपनी चुनावी जनसभाओं में भी अपनी भीड़ जुटाने के लिए ज्यादातर दिहाड़ी पर लोगों को लाती है अर्थात् जिस दिन कांग्रेस पार्टी की कोई रैली आदि होती है तो फिर खासकर दिहाड़ी में कार्य करने वाले मजदूर लोग बहुत खुश होते हैं और वे कहते है कि हमें आज काम नहीं करना पड़ेगा बल्कि कांग्रेस पार्टी की रैली में जाने के लिए बिना कार्य किये ही आज उन्हें ज्यादा दिहाड़ी मिल जायेगी तथा बढ़िया – बढ़िया खाना भी मिलेगा, यह कांग्रेस पार्टी का भीड़ जुटाने का कल्चर है। इससे यह समझा जा सकता है कि देश में आज कांग्रेस पार्टी के जनाधार की कितनी बुरी हालत है।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में जब विधानसभा का आमचुनाव होता है या देश में लोकसभा का भी आमचुनाव होता है तो तब इनको खासकर यू.पी. जैसे कमजोर राज्यों में आसानी से चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीद्वार तक भी नहीं मिलते है। उनको खड़ा करने के लिए फिर कांग्रेस पार्टी बड़े – बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों से आर्थिक मदद लेकर अधिकांश उनको पैसा देकर खड़ा करती है। इसलिए अधिकांशः इनके उम्मीद्वारों को जीतने / हारने से कोई लेना देना नहीं होता है बल्कि वो तो यह मानकर चलते हैं कि अब हमारे घर का कुछ समय तक का खर्चा चल जायेगा। जो वह उनको चुनाव लड़ाने के लिए पैसा देती है। यह कांग्रेस पार्टी की दयनीय हालत है। जबकि वही दूसरी तरफ बी.एस.पी. ऐसा बिल्कुल भी नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. कांग्रेस की तरह पैसा देकर पार्टी के लोगों को चुनाव में टिकट नहीं देती है बल्कि चुनाव पर खुद अपना पैसा लगाने वाले लोगों को ही अधिकांश: टिकट देती है जिनका पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए हर प्रकार से योगदान होता है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अभी हाल ही में जो बुकलेट जारी की है, यदि यह पार्टी इस बुकलेट में अपनी विरोधी पार्टियों पर कोई भी टीका – टिप्पणी करने के साथ – साथ अपनी इन सब कमियों को भी वर्णित कर देती तो यह बेहतर होता है। अर्थात् इस पार्टी द्वारा दूसरे पर उंगली उठाने की बजाय इनको पहले अपने घर को ही ठीक कर लेना चाहिये, यह भी मेरी इनको सलाह है।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को मैं यह भी बताना चाहती हूँ कि जब देश में लोकसभा व किसी भी राज्य में विधानसभा का आमचुनाव होता है तो खासकर पार्टी के मजबूत राज्यों में एक – एक सीट पर कई – कई उम्मीदवार बी.एस.पी. का टिकट चाहते हैं जिसमें कुछ उम्मीदवार आर्थिक तौर पर काफी कमजोर भी होते हैं। इसके अलावा, कुछ उम्मीदवार बी.एस.पी. का टिकट तो ले लेते हैं लेकिन चुनाव में जरूरत के हिसाब से पैसा खर्च नहीं करते है, तब फिर पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही, मजबूरी में आपस में चन्दा इकट्ठा करके उन्हें चुनाव लड़ाना पड़ता है।

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