हरियाणा: हाल ही में गड़ेरिया जाति को एससी वर्ग में शामिल करने का दलित संगठनों ने पुरजोर विरोध किया है। हरियाणा की खट्टर सरकार ने पाल समाज की लम्बी मांग को देखते हुए उन्हें एससी वर्ग में शामिल करने का इतिहासिक फैसला लिया था जिसका देखते ही देखते विरोध तेज हो गया है।
सरकार के इस फैसले पर विभिन्न दलित संगठनों ने सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए फैसला वापस लेने की धमकियां देते हुए कहा कि अगर सरकार अपने फैसलों को जल्द नहीं पलटेगी तो प्रदेश में इसे लेकर उग्र आंदोलन किया जायेगा।
वहीं संविधान सुरक्षा समिति हरियाणा के बैनर तले संगठन के लोग लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे थे। प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए अमरनाथ ग्यासड़ा ने कहा कि सरकार का यह कदम एससी वर्ग के खिलाफ है।
उन्होंने गड़रिया को अति पिछड़ा मानने से मना करते हुए इसे दलित विरोधी कदम करार दिया है। वहीं गडरिया समाज सरकार के इस फैसले से बेहद खुश दिखाई दे रहा है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान जैसे ही प्रदर्शनकारी ज्ञापन देने लघु सचिवालय में पहुंचे तो वहां पर वे डीसी को देने की मांग करने लगे। डीसी नहीं आए तो उन्हीं के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में एक अधिकारी वहां से गाड़ी लेकर जाने लगे तो इस पर भी विवाद हो गया।
साथ ही एक प्रदर्शनकारी ने हमें बातचीत में बताया कि दलित समाज कभी भी गड़रियो को दलित समुदाय में शामिल नहीं होने देगा फिर चाहे उसके लिए उसे सड़को पर ही क्यों न उतरना पड़े।
दलित संगठनों की एक ओर ओबीसी को अपने साथ लाने की कवायदे चल रही है तो दूसरी ओर गड़रियो के लम्बे आरक्षण की मांग का ही यह संगठन भारी विरोध प्रदर्शन भी कर रहे है।
आपको बता दें कि प्रदेश में गडरिया समाज की हालत बेहद पिछड़ी बताई जाती रही है जिसके बाद सरकार ने उन्हें उनका हक़ देने के लिए यह फैसला लिया है। खैर गड़रिया समाज अपने मिले हक़ को छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं दिख रहा है।
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