दौसा: राजस्थान के दौसा में दलितों द्वारा पुजारी को मंदिर की ज़मीन को लेकर जान से मारने का प्रयास किया गया। दौसा जिले के मंडावर महुवा के इमली मोहल्ला के 65 वर्षीय पुजारी ताराचंद्र शर्मा के ज़मीन को लेकर इलाके के दलितों से विवाद चल रहा था। जिसके केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें ही परिसर का मालिक माना गया था। उसी क्रम में मीणा बाहुल्य क्षेत्र में पुजारी के साथ ऐसी घटना देखने को मिली है। ज्ञात होकि पुजारी जी इलाके के ही राधा कृष्ण मंदिर में पूजा पाठ करते है।
घटना 18 दिसम्बर की है जब पुजारी अपनी दुकान से शाम 5 बजे घर जा रहे थे। वहीं रास्ते में उनके स्कूटर को दो बाइक सवार लोगो ने रोक लिया। पीड़ित पुजारी के मुताबिक यह वही लोग है जिनका उनके साथ ज़मीन विवाद था। पुजारी को रोकने के बाद उन युवको ने पुजारी के कान पर कट्टा लगा दिया। वहीं अभियुक्त रिकेश व बलराम ने रोड व डंडे से पुजारी पर ताबतोड़ हमला बोल दिया। जिसके बाद सभी युवको ने उन्हें बेदर्दी से मारा व कट्टा निकाल कर पुजारी की कनपट्टी पर लगा दिया। इतने में एक कार वहां पहुंच गई जिसको देख आरोपी वहां से भाग गए।
पुजारी को अधमरा देख वहां देखते ही देखते भीड़ जुट गयी जिसके बाद उन्हें पास के ही अस्पताल ले जाया गया। जहां बिगड़ती हालत को देखकर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनका आपातकाल में ऑपरेशन करना पड़ा।
गुप्तांग पर किया हमला व पैर की दो जगह से टूटी हड्डी
पुजारी को जान से मारने की नियत में आये आरोपियों ने उनके पैर की हड्डिया तोड़ दी व सीने व गुप्तांगो में जानलेवा हमला कर फरार हो गए। आनन फानन में पुजारी के पैरो का ऑपरेशन कर उनका उपचार किया गया। पुजारी की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है।
एससी एसटी एक्ट व बलात्कार में फ़साने की धमकी देकर भागे
पुजारी को पीटने के दौरान भीड़ को आता देख फरार हुए युवको ने पुजारी को एससी एसटी एक्ट व बलात्कार में फ़साने की धमकी भी दी। पुजारी के मुताबिक उन्होंने उनका हाल करौली में जिन्दा जलाये गए पुजारी की तरह करने की भी धमकी दी है। जिसके बाद पूरा परिवार भय के माहौल में जीने को मजबूर है
पुलिस ने नहीं किया गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुजारी के 16 हज़ार रूपए व सोने की चैन भी छीन ली गई थी। वहीं पुलिस ने हल्की फुल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार होने से बचा लिया है। परिजनों की मांग है कि आरोपियों पर IPC की धारा 326, 307 व 397 के तहत कार्यवाई की जाये।
मीणा बाहुल्य इलाके में नहीं हो रही सुनवाई
मीणा बाहुल्य इलाके में मीणा जाति से आने वाले आरोपियों पर पुलिस कार्यवाई नहीं कर रही है। परिजनों का आरोप है कि विधायक से लेकर सभी पदों पर मीणा जाति के लोग विराजमान है जिसके चलते उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं CO शंकर मीणा ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया व कई बार फ़ोन मिलाने पर फोन काटते रहे।
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