फतेहगढ़: राष्ट्रीय इंडियन पार्टी सेक्युलर ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण में वर्गीकरण की मांग को लेकर जिले में बड़ा आंदोलन किया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद गिहार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का भारी समूह फतेहगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचा। यहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने आरक्षण के दायरे में समान वितरण सुनिश्चित करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरक्षण नीति के उचित क्रियान्वयन और प्रभावित जातियों के लिए न्याय की आवाज बुलंद की
सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू करने की मांग
आनंद गिहार ने धरना-प्रदर्शन में स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2024 में अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में वर्गीकरण का आदेश दिया था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक इस निर्देश को लागू नहीं किया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 65 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं, लेकिन आरक्षण का लाभ मुख्यतः एक या दो जातियों तक ही सिमट कर रह गया है। इससे बाकी जातियां खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं।
बंजारा, बाल्मीकि, गिहार जैसी जातियां वंचित
प्रदर्शन के दौरान गिहार ने जोर देकर कहा कि बंजारा, बाल्मीकि और गिहार जैसी जातियां आरक्षण के लाभ से पूरी तरह वंचित हैं। इन समुदायों को अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन जातियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करने में भारी अव्यवस्था और देरी हो रही है। यह स्थिति उनके शैक्षिक और आर्थिक विकास में बड़ी बाधा बन रही है।
धरना-प्रदर्शन में उमड़ा समर्थकों का जनसैलाब
कलेक्ट्रेट परिसर में राष्ट्रीय इंडियन पार्टी सेक्युलर के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को मजबूती से प्रस्तुत किया। पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे पूरे राज्य में और भी व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक भी शामिल हुए।
आंदोलन को पूरे राज्य में फैलाने की तैयारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद गिहार ने ऐलान किया कि पार्टी इस मुद्दे को केवल फर्रुखाबाद तक सीमित नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों में भी इसी प्रकार के आंदोलन आयोजित किए जाएंगे। पार्टी ने सरकार से मांग की कि आरक्षण का सही और समान वर्गीकरण शीघ्र सुनिश्चित किया जाए ताकि सभी अनुसूचित जातियां और जनजातियां इसका लाभ ले सकें। धरना-प्रदर्शन के बाद ज्ञापन कलेक्ट्रेट अधिकारियों को सौंप दिया गया। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वे जब तक न्याय नहीं पाते, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।