जयपुर- बीते दिनों 14 नवंबर शनिवार की रात उदयपुर-अहमदाबाद रेल मार्ग पर केवड़ा की नाल स्थित ओढ़ा रेलवे पुल को बदमाशों द्वारा ब्लास्ट कर उड़ाने की कोशिश की गई थी, जिसमें कार्रवाई करते हुए राजस्थान की एटीएस टीम ने एक नाबालिग सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया हैं।
जहां एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान एकलिंगपुरा थाना जावर माइंस निवासी धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और बिष्णु (17) के रूप में हुई हैं, जिन्हें उदयपुर में रखकर पूछताछ की जा रहीं हैं।
विस्फोटक बना उसे प्लांट करने में माहिर आरोपी
वहीं एडीजी एसओजी/एटीएस अशोक राठौड़ का कहना है कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी विस्फोटक तैयार करने और उसे प्लांट करने में माहिर बताए जा रहें है, हालांकि अब तक की गई जांच और पूछताछ में आरोपियों के किसी भी आतंकी संगठन या अन्य किसी संगठन से संबंध सामने नहीं आया हैं।
प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य जरूर सामने आये है कि 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक द्वारा अवाप्त की गई थी, जिसका मुआवजा या नौकरी पाने के लिए धूलचंद पिछले कई सालों से प्रयास कर रहा था लेकिन कोई मदद न मिलने से आहत होकर उसने यह कदम उठाया हैं।
इतना ही नहीं पूछताछ में यह भी सामने आया हैं कि घटना वाले दिन तीनों आरोपी एक ही बाइक पर सवार होकर पुल पर पहुंचे थे और रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ बमनुमा बंडल रखकर आग लगा दी, जिसके बाद हुए जोरदार धमाके में ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था।
विस्फोटक उपलब्ध कराने वाला आरोपी भी हुआ गिरफ्तार
एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने यह विस्फोट अंकुश सुवालका नामक व्यक्ति से खरीदा था, जिसके बाद अंकुश सुवालका को भी गिरफ्तार कर लिया गया हैं। उन्होंने कहा कि महज गुस्से में आकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना एक बेहद संवेदनशील घटना है, जिसकी एटीएस द्वारा जांच की जा रहीं है।