मध्य प्रदेश(विदिशा) : एससी एसटी एक्ट को लेकर प्रदेश में सरकार की मुश्किलें ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। झूठे एससी एसटी एक्ट में निर्दोषो को फ़साने की फेहरिस्त मानों रोजाना लम्बी ही होती जा रही है दरअसल अब विदिशा के एक किसान ने झूठे एससी एसटी केस में फसाये जाने को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है जिसके बाद से राज्य में एक बार फिर चुनाव से ठीक पहले माहौल गरमा गया है।
मामला विदिशा के गजार गाँव का बताया जा रहा है जहा खेती करने वाले किसान राजेंद्र राजपूत के साथ सुन्दर लाल अहिरवार की किसी बात को लेकर कहासुनी हो गयी थी जिसके बाद सुन्दर लाल ने 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया और राजेंद्र राजपूत को धमकी देने लगा की वह उसे झूठे एससी एसटी एक्ट में फंसा देगा जिससे घबरा कर किसान ने अपने कमरे में फांसी पर लटक जान दे दी।
घटना के बाद से एक बार फिर एससी एसटी एक्ट के बेजा इस्तेमाल पर चर्चाओं का बाजार सुलग उठा है ।
किसान राजेंद्र के साले धीरज सिंह के अनुसार “गाँव में राजेंद्र की सुन्दर लाल से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गयी थी जिसके बाद सुन्दर लाल ने उनकी माँ बहन को गरियाना शुरू कर दिया था जिससे गुस्साए राजेंद्र ने सुन्दर लाल को धक्का दे दिया उसी वक़्त सुन्दर लाल ने अपना फ़ोन निकाल 100 पर सुचना दे पुलिस को बुला लिया और झूठे एससी एसटी में फ़साने को लेकर राजेंद्र राजपूत को धमकाने लगा जिससे घबराकर राजेंद्र ने आत्महत्या कर ली” ।
वही गाँव के लोगो के अनुसार सुन्दर लाल पहले भी कई लोगो के खिलाफ झूठी शिकायतें कर चूका है।
विदिशा में तैनात पुलिस टीआई आरएस शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा “हमें 19 अक्टूबर को झगडे की सुचना प्राप्त हुई थी जहा पहुँच कर हमने पाया की राजेंद्र राजपूत ने फांसी लगा ली है परिजनों की मदद से हमने राजेंद्र को नीचे उतारा व पास के अस्पताल में ले गए जहा उसने दम तोड़ दिया था”। टीआई शर्मा के अनुसार मामले की अभी जांच चल रही व जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ उचित कार्यवाई की जाएगी।
अगले दिन खबर फैलते ही सपाक्स के नेताओ ने पीड़ित के घर पहुँच परिजनों से मुलाक़ात की व मामले में सख्त कार्यवाई की मांग की है। सपाक्स के प्रदेश पदाधिकारी पूर्व आईपीएस विजय बादले ने एसपी डीआईजी से मुलाकात कर मामले पर जल्द से जल्द कार्यवाई कि मांग की वही राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपयों कि आर्थिक मदद देने कि भी गुहार लगायी है।