नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए ऐतिहासिक कदम से जहा जातिगत आरक्षण के बजाय आर्थिक आरक्षण की शुरुआत हुई वही मेरिट को लेकर लगातार उठ रहे सवाल पर सरकार का एक और अच्छा कदम सामने आया है।
भारत में आरक्षण की जंग के बीच में लगातार मेरिट पिसती हुए आ रही थी जिसको लेकर जातिगत आरक्षण विरोधी संगठन यूथ फॉर इक्वलिटी भी अपनी चिंता जाता चूका था।
यूथ फॉर इक्वलिटी के अध्यक्ष डॉ कौशल कांत जी के अनुसार “हम आर्थिक आरक्षण का समर्थन तो करते है परन्तु मेरिट को लेकर भी हमें ध्यान देना होगा, सरकार को इसे 50 प्रतिशत के अन्दर करना चाहिए और सभी का आरक्षण आर्थिक करना चाहिए”।
आगे डॉ साहब ने कहा की वह जातिगत आरक्षण को लेकर जल्द ही मिशन 2020 के नाम से नया आंदोलन शुरू करने जा रहे है।
आपको हम बता दे की यूथ फॉर इक्वलिटी ने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी की मेरिट को बचाते हुए आरक्षण दिया जाये जिस पर सरकार ने चुनाव सामने आता देख मेरिट की अतिरिक्त 25 फीसदी सीट बढ़ाने का फैसला किया है जिसके बाद यूथ फॉर इक्वलिटी ने याचिका को वापस लेने का मन बनाया है।
अभी कुछ घंटे पहले ही केंद्रीय HRD मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की “आर्थिक आरक्षण से कम हो रही मेरिट की सीट को बढ़ाने के लिए सरकार ने सभी जगह 25 फीसदी आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है”।
आपको हम बताते चले की इससे पहले भी यूथ फॉर इक्वलिटी की वजह से ही ओबीसी आरक्षण की वजह से कम हो रही 27 फीसदी सीटों को कोर्ट के माध्यम से मेरिट की सीटों को बढ़ाने में अहम् योगदान इसी संस्था का रहा है जिसने एक बार फिर से मामला सुप्रीम कोर्ट में घसीट कर सरकार को मेरिट की सीट बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है।