श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल श्रीनगर से शारजाह के बीच पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने तीन दिन के जम्मू कश्मीर दौरे के पहले दिन वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये श्रीनगर से शारजाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीनगर-शारजाह के बीच सीधी कनैक्टिविटी से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक आपूर्ति सुगम होने से जम्मू कश्मीर के कृषि व बागवानी उत्पादकों की आय में निश्चित ही गुणात्मक वृद्धि होगी व रोजगार भी बढ़ेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने श्रीनगर में कल ही सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। केन्द्रीय गृह मंत्री जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद जवान परवेज़ अहमद दार के घर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने उनके परिजनों से भेंट की और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी।
अमित शाह ने जम्मू कश्मीर यूथ क्लबों के सदस्यों के साथ संवाद भी किया। इसमें वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के युवा भी शामिल हुए। कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि जिस कश्मीर से ढाई साल पहले तक पथराव, आतंकवाद, हिंसा के समाचार आते थे, आज उसी जम्मू कश्मीर का युवा विकास, कौशल विकास, रोज़ग़ार, पढ़ाई के वजीफ़े की बात कर रहा है। इस बदलाव की बयार को कोई ताक़त रोक नहीं सकती और कश्मीर में एक नए युग की शुरूआत होगी।
उन्होंने कहा कि कश्मीर की लगभग 70 प्रतिशत आबादी 35 साल की आयु से कम है और अगर इस आबादी के मन में आशा जगाकर इनका हौसला बढ़ा दिया जाए, इन्हें विकास कार्यों के साथ जोड़ दिया जाए, इन्हें कश्मीर की शांति और विकास का राजदूत बनाया जाए,तो कश्मीर की शांति में कोई कभी ख़लल नहीं पहुंचा सकता
गृह मंत्री ने कहा कि ये युवा को तय करना है कि क्या वो नकारात्मक मानसिकता के साथ बैठना चाहता है या फिर आशावादी मानसिकता के साथ संभावनाओं का संपूर्ण दोहन कर सबसे आगे निकलना चाहता है। भारत में हर युवा के लिए अपार संभावनाएं हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्ट-अप और कई अन्य कार्यक्रम युवाओं के लिए शुरू किए हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब देश में 20 हज़ार गांव ऐसे थे जहां बिजली का खंभा तक नहीं था, मोदी जी ने लक्ष्य तय किया कि 2022से पहले देश के हर गांव ही नहीं बल्कि हर घर में बिजली पहुंचाई जाएगी।