2018 में ऐसे 87 सैनिको के परिवारों में किसी का बचपन तो किसी का सिन्दूर छिना

नईदिल्ली : भारतीय सेना ने आज अपना 71वां सेना दिवस मनाया। सेनाध्यक्ष श्री विपिन रावत ने दिल्ली छावनी के करिय्प्पा परेड़ ग्रांउड में सेना दिवस परेड़ का निरीक्षण किया और बहादुरी और शौर्य के लिए व्यक्तियों को 15 सेना पदक (पांच मरणोपरान्त सहित) तथा 17 सीओएएस ईकाइयों को उनके शानदार कार्य प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति प्रदान किया।

प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन 1949 में जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के एम करिय्यपा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से सेना की कमान संभाली थी और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ बने थे।

सेना दिवस परेड का नेतृत्व चीफ ऑफ स्टॉफ, दिल्ली एरिया मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने किया। अग्रणी परेड दस्ते में परमवीर चक्र तथा अशोक चक्र विजेता थे। इसके बाद टी-90 टैंक भीष्म, इंफेन्ट्री लडाकू वाहन बीएमपी II, एम 777 अल्ट्रा लाइट होविट्जर, के-9 वज्र तोप, आकाश मिसाईल प्रणाली, मोबाईल ट्रांसर्पोटेबल सेटेलाइट टर्मिनल सेवा वाहन, सरफेस मिनिमम क्लियरिंग सिस्टम, अंतरार्ष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं का दस्ता तथा माउंटेड होर्स कैवेलरी सहित 7 मार्चिंग दस्ते थे।

भारतीय पूर्व सैनिकों के निदेशालय द्वारा आयोजित झांकी में पूर्व सैनिकों की भूमिका और देश के प्रति उनके योगदान को दिखाया गया। कोर ऑफ सिग्नल की ‘डेयर डेविल’ टीम द्वारा मोटरसाईकिल करतब दिखाये गये। पैरा ब्रिगेड के 50 (I) की टीम द्वारा पैरामोटर प्रदर्शन किया गया।

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