नई दिल्ली: भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग ने राज्य सभा में बताया कि इसरो पृथ्वी अवलोकन उपग्रह भेजने की तैयारी में है जिसके द्वारा प्राकृतिक आपदाओं पर शीघ्र निगरानी रखी जा सकेगी।
राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपती द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इसरो ने भूस्थिर कक्षा से पृथ्वी के अवलोकन हेतु भू – प्रतिबिंबन उपग्रह “ई ओ एस 03” का निर्माण किया है और यह वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही (Q3) में प्रक्षेपण के लिए निर्धारित है।
ई ओ एस -03 प्रतिदिन 4-5 बार पूरे देश का प्रतिबिंबन करने में सक्षम है और यह बाढ़ एवं चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का लगभग वास्तविक काल में निगरानी संभव बनाएगा। प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त, ई ओ एस -03 जल निकायों, फसलों, वनस्पति की स्थिति, वन आवरण परिवर्तन इत्यादि की निगरानी को भी संभव बनाएगा।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान अथवा एस एस एल वी की प्रथम विकासात्मक उड़ान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 2021 की चौथी तिमाही के लिए निर्धारित है। 500 किमी की तलीय कक्षा में 500 कि ग्रा अथवा सूर्य तुल्यकाली धुवीय कक्षा में 300 कि ग्रा की नीतभार क्षमता सहित ठोस नोदन तथा प्रमाणित डिजाइन संबंधी पद्धतियों की विरासत में इसरो के लंबे अनुभव ने एक मूल्य – प्रभावी तीन चरण वाले पूर्णतः ठोस प्रक्षेपण यान के रूप में एस एस एल वी के विकास को संभव बनाया है।
मांग के आधार पर लघु उपग्रहों के द्रुत प्रतिवर्तन प्रक्षेपण हेतु एस एस एल वी एक आदर्श प्रक्षेपण यान है। एस एस एल वी के निर्माण के भाग के रूप में विकसित प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सभी चरणों के लिए विद्युत – यांत्रिकी प्रवर्तकों सहित सुनम्य नोजल नियंत्रण, सटीक उपग्रह अंतःक्षेपण हेतु ऊपरी चरण में लघूकृत उड्ड्यानिकी तथा एक वेग समाकर्तन मॉड्यूल शामिल हैं।