रांची: सपा सांसद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारी के बाद कांग्रेस के विधायक तालिबान के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं।
झारखंड के रांची में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में अत्याचार कर रही है। वे माताओं, बहनों और बच्चों को परेशान करते हैं। इसके खिलाफ लड़ाई है। तालिबान और अफगानिस्तान के लोग खुश हैं। जहां भी जनता के साथ जुल्म होगा हम उनका समर्थन करेंगे।
कांग्रेस विधायक अंसारी ने कहा कि ब्रिटिश और अमेरिकी सेना जहां भी जाती है, लोगों पर अत्याचार करती है। अफगानिस्तान में शांति होनी चाहिए क्योंकि अमेरिकी सैनिक चले गए हैं और ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया गया है… अफगानिस्तान/पाकिस्तान में जो हो रहा है उससे हमें कुछ लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक से पहले भी कई लोग भारत में तालिबान के समर्थन कर चुके हैं। इसी क्रम में AIMPLB प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने बोर्ड की तरफ़ से तालिबान को सलाम-ए-मोहब्बत भेजा था। मौलाना नोमानी ने कहा था कि तालिबान की जीत उन्हें सलामी का हकदार बना देती है। इंशा अल्लाह आने वाले दिन सबके लिए अच्छी खबरें लाएंगे। आपकी इस जीत पूरी दुनिया के मजलूम दबे कुचलों के हौसलों को बढ़ाया है।
सत्ता के फैसले धरती पर नहीं स्वर्ग में होते हैं: AIMPLB सचिव
वहीं बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने भी तालिबान का समर्थन जताया था। सोशल मीडिया पर जारी बयान में मौलाना उमरैन ने कहा था, “अफगानिस्तान में तालिबान की जीत यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि युद्ध बुद्धि और ताकत से नहीं, बल्कि अल्लाह की मदद से जीते जाते हैं, और कुरान की इस आयत में अपने आप में शाश्वत सत्य है।”
बोर्ड सचिव ने यह भी कहा था कि तालिबान की असाधारण सफलता से दुनिया हैरान है, भौतिकवादी लोग यह नहीं समझते कि वे इतनी तेजी से सत्ता में कैसे आए, उनके लिए यह समझने की कोशिश करने का समय है कि सत्ता के फैसले धरती पर नहीं स्वर्ग में होते हैं।
सपा सांसद ने तालिबान का किया समर्थन:
बीते दिनों सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जे की तुलना भारत में ब्रिटिश राज से की थी। उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में जब अंग्रेजों का शासन था और उन्हें हटाने के लिए हमने संघर्ष किया, ठीक उसी तरह तालिबान ने भी अपने देश को आजाद किया। बर्क ने तालिबान की तारीफ करते हुए कहा था कि, इस संगठन ने रूस, अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्कों को अपने देश में ठहरने नहीं दिया।