मैसूर: कर्नाटक की भाजपा सरकार ने पूरे राज्य में मंदिरों को गिराने की जल्दबाजी में फैसला नहीं लेने का निर्देश जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को उन मंदिरों के विध्वंस पर रोक लगा दी, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये अवैध रूप से बनाए गए थे।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “राज्य में कहीं भी मंदिरों को गिराने के लिए कोई आपात स्थिति या जल्दबाजी में कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।”
बोम्मई का आदेश मैसूर जिला प्रशासन द्वारा नंजनगुड में एक मंदिर के विध्वंस के बाद राज्य सरकार को भाजपा सदस्यों और यहां तक कि कांग्रेस द्वारा फटकार लगाने के बाद आया है। भाजपा के मैसूरु सांसद प्रताप सिम्हा ने केवल हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने के लिए सरकार को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई।
बोम्मई ने कहा, “जिले में मंदिरों को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विवरण सदन के सत्र में रखा जाएगा। पूरे राज्य में मंदिरों को गिराने की जल्दबाजी में फैसला नहीं लेने का निर्देश जारी किया गया है।
बोम्मई ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व्यापक अध्ययन करेंगे और विशेष निर्देश जारी करेंगे। हम इसे एक या दो दिन में कैबिनेट के सामने भी लाएंगे और मंदिरों पर एक स्पष्ट निर्देश के साथ सामने आएंगे। और, चूंकि विधायिका सत्र चल रहा है, इसलिए सदन में विवरण प्रदान किया जाएगा।”
BJP सांसद ने दिया था दखल
गौरतलब है कि नंजनगुड में मंदिर गिराने को लेकर भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री बोम्मई से भी बात की थी।
सांसद ने कहा, “मैसूर के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकाला है और चुनिंदा मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।”