छोटा सा मंचूरिया, जिससे चीन दो-दो युद्ध हारके पूरा चीन खो बैठा था !

मंचूरिया : भारत व चीन के बीच सीमा विवाद में चीन ये भूल चुका है कि वो उस रास्ते पर खड़ा है कि जहां से वो अगला सोवियत रूस बन सकता है। चीन के कब्जे वाले कई राज्य जैसे हांगकांग, ताइवान, तिब्बत व मंचूरिया जैसे अपनी आजादी की माँग के लिए बस देहरी पर खड़े हुए हैं।

Activists demanding Free Manchuria from China, PC: Shutter stock

चीन के कब्जे वाले मंचूरिया के एक्टिविस्ट नें जर्मनी से फ़लाना दिखाना के लिए एक कॉलम लिखा है जिसमें वो कहते हैं :

मंचूरिया राज्य चीन की द ग्रेट वॉल के उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है। यहां का इतिहास कहता है कि मंचूरिया के मूल निवासियों मांचू (जुरचेन) लोगों ने दो युद्धों में चीन को हराया है। मंचूरियन व चीन के बीच, पहली बार 1127 में युद्ध हुआ था। और उस युद्ध में मंचूरियन ने चीन के उत्तरी भाग पर कब्जा कर लिया था।

Red in Map is Manchuria captured by China, PC: Britannica

जबकि चीन व मंचूरियन के बीच दूसरी बार युद्ध 1644 में हुआ था। और दूसरे युद्ध में मंचूरियन ने पूरे चीन को ही जीत लिया। शताब्दियों तक ऐसा ही चलता रहा बाद में मांचू साम्राज्य का पतन हो गया। उस मांचू साम्राज्य के पतन के बाद, मांचू लोग अपने पैतृक भूमि यानी मूल निवास पर लौट आए।

मांचू साम्राज्य के पतन के बाद जापानियों की मदद से एक और साम्राज्य ‘मंचुको’ की स्थापना की गई। लेकिन मंचुको साम्राज्य को 1945 में सोवियत संघ द्वारा नष्ट कर दिया गया था।

Happy Manchurians before China captured

इसी समय दूसरा विश्व युद्ध (1939-45) भी समाप्त हुआ था। साल 1946 में मंचूरिया चीन को दिया गया लेकिन ये महत्वपूर्ण है कि इससे पहले मंचूरिया कभी भी चीन का हिस्सा नहीं हुआ करता था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1945 से चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सत्ता आ गई। हालांकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने से पहले मंचूरिया का दमन हो गया था।

सोवियत ने पहले लूट लिया जो भी वो ले सकते थे और उस दौरान बहुत सारी मंचूरियन महिलाओं का बलात्कार कर दिया। इसके अलावा तब कम से कम 2 लाख पूर्व मंचूरियन नागरिकों को 1946 में चांगचुन में मौत के घाट उतार दिया। इसका कारण यह था कि चीनी पार्टी सीसीपी नें एक अन्य के साथ मंचूरियन नागरिकों को खाना पानी से रोक दिया। मंचूरियन नागरिकों की खाद्य आपूर्ति में कटौती कर दी थी। अतः उस चीनी गृहयुद्ध में अनगिनत मंचूरियन मारे गए।

Manchurian Farmers

बताया जाता है कि उस दौरान चीन में पूर्व मंचूरियन को दबाने के कई प्रयास किए गए। इसके लिए “भूमि सुधार,” तीन-विरोधी और पाँच-विरोधी अभियान, “एंटी-राइटिस्ट अभियान”, “सांस्कृतिक क्रांति” चलाई गई जिसके के बाद, अनगिनत पूर्व मनचुकु शिकार हुए होंगे।

शोषण यहीं तक सीमित नहीं था इसके अलावा, चीनी नें सुधार नीति लागू की जिसके कारण उद्योगों में काम करने वाले मंचूरियन कर्मचारी छंटनी के लिए मजबूर हो गए। उस छंटनी के बाद कई कामगारों के रोजगार छीन लिए गए, वो पूरी तरह से बेरोजगार हो गए।

Hilly Regions of
Current Manchuria State

मंचूरियन की आवाज उठाने के लिए समय समय पर कई नेता भी उभरे। जिसमें फालुन गोंग मंचूरिया में बहुत लोकप्रिय हुआ करता था। हम सभी जानते हैं कि चीन के कम्युनिस्ट राज्य में ऐसे नेताओं के साथ क्या हुआ था। जब पूरी दुनिया स्वतंत्र रूप से सांस ले रही है वहीं 70 से अधिक सालों से चीन ने मंचूरिया का केवल शोषण किया है। यहां के अनाज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को चीन द्वारा खूब लूटा गया है।

Present Manchurian Villages

【 About The Author: Bernhardt Silergi who is Manchurian Independence activist living in Germany. He collectively started a group called Manchurian National Union, MNU. MNU is committed to promoting Manchurian language and culture, uniting men and women sharing a collective Manchurian identity, and advocating the establishment of Manchurian communities in the free world.】


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