आधुनिक समानता नायक ‘अम्बेडकर’ भी थे श्री रामानुजाचार्य के समानता सिद्धांतों के प्रशंसक: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधान मंत्री मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समानता, मानवता और आध्यात्मिकता की ऊर्जा से बल दिया गया था जो इसे संतों से मिली थी।

प्रधान मंत्री की टिप्पणी हैदराबाद में 11 वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की याद में 216 फीट लंबी ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी’ के उद्घाटन समारोह के दौरान आई।

प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम केवल अपनी शक्ति और अधिकारों की लड़ाई नहीं था। उन्होंने कहा, “इस लड़ाई में एक तरफ ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ और दूसरी तरफ ‘जियो और जीने दो’ का विचार था।”

एक ओर, यह नस्लीय श्रेष्ठता और भौतिकवाद का उन्माद था, दूसरी ओर, यह मानवता और आध्यात्मिकता में विश्वास था, और इस लड़ाई में भारत और उसकी परंपरा की विजय हुई।”

सरदार पटेल के हैदराबाद कनेक्शन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरदार साहब की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ देश में एकता की शपथ दोहरा रही है तो रामानुजाचार्य की ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी’ समानता का संदेश दे रही है। एक राष्ट्र के रूप में भारत की यही विशेषता है।”

प्रधान मंत्री ने श्री रामानुजाचार्य को ‘भारत की एकता और अखंडता के लिए चमकती प्रेरणा’ कहा। उन्होंने कहा कि उनका जन्म दक्षिण में हुआ था, लेकिन उनका प्रभाव दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम तक पूरे भारत पर है।

पीएम मोदी ने वर्तमान उपायों और हमारे संतों के ज्ञान के बीच की कड़ी पर विस्तार से बताया। श्री रामानुजाचार्य ने देश को सामाजिक सुधारों की वास्तविक अवधारणा से परिचित कराया और दलितों और पिछड़ों के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि, आज श्री रामानुजाचार्य हमें समानता की भव्य प्रतिमा के रूप में समानता का संदेश दे रहे हैं। यही वजह थी कि बाबा साहब अंबेडकर जैसे समानता के आधुनिक नायक भी रामानुजाचार्य जी की भरपूर प्रशंसा करते थे, और समाज को भी कहते थे कि अगर सीखना है तो रामानुजाचार्य जी की शिक्षा से सीखो। प्रधान मंत्री मोदी ने कहा।

उन्होंने कहा, “संदेश के साथ चलते हुए आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र से अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है।”

प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आज बिना किसी भेदभाव, सभी के विकास के लिए सामूहिक रूप से काम कर रहा है; सभी के लिए सामाजिक न्याय ताकि सदियों से उत्पीड़ित लोग देश के विकास में पूरी गरिमा के साथ भागीदार बनें।

उन्होंने कहा कि पक्का घर, उज्जवला कनेक्शन, पांच लाख तक मुफ्त इलाज, जनधन खाता, स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाओं ने दलितों, पिछड़े और वंचितों को मजबूत किया है।

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Shivam Pathak works as Editor at Falana Dikhana.

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