आश्चर्य: आस्ट्रेलिया की जनसंख्या से ज्यादा कुंभ में लोगों नें नहाई मौनी अमावस्या

प्रयागराज (यूपी) : कुंभ प्रशासन नें अनुमान लगाया था कि मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में पहुंचेंगे लेकिन कुंभ की आकर्षक व आलौकिक संस्कृति को देखने वालों का संगम में तांता लग गया और यह नजारा भारतीय सनातन परम्परा की महानता को प्रदर्शित कर रहा था |

ठंड व कोहरे के बावजूद शुभमुहूर्त में लोगों नें नहाई मौनी :

दर्शन व पूजा अर्चना के लिए आएंगे लेकिन देश विदेश से आने वालों की भीड़ अनुमान से कहीं ज्यादा पहुंच गई जिसको फलाना दिखाना की टीम नें एक दिलचस्प आंकड़े के साथ नीचे प्रस्तुत किया है |

 पतितपावनी गंगा यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम पर लोगों नें सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर पर हल्के कोहरे व ठंड के बावजूद लोगों नें शुभ मुहूर्त में डुबकी लगाई | ये नजारा देखते ही बनता था

जैसा कि कुंभ प्रशासन नें इस अवसर पर जबरदस्त तैयारी की थी और 1 करोड़ लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद भी जताई थी | लेकिन इस सनातन संस्कृति की अलौकिक छटा का गवाह बनने के लिए 2.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु एक साथ संगम के तट पर आ गए |

180 अलग-अलग देशों की आबादी से ज्यादा इकट्ठा हुए श्रद्धालु :

सोमवार के इस अद्भुत व विहंगम घटनाक्रम को रोचक बनाने के लिए एक आंकड़े को समझा तो पता चला कि United Nations Department of Economic & Social Affairs, World Bank, World Factbook नें साल 2018 को जनगणना की रिपोर्ट प्रस्तुत की |

पहले नंबर पर चीन की आबादी लगभग 141 करोड़ दूसरे पर भारत की 135 करोड़ साथ ही आस्ट्रेलिया की 2.4 करोड़ | मतलब कुंभ में अनुमान के अनुसार 2.5 लोगों नें मौनी अमावस्या का पावन स्नान कर लिया और इतनी तो आस्ट्रेलिया देश की आबादी भी नहीं है | इसको छोंडकर 180 ऐसे देश हैं जिनकी आबादी कुंभ में स्नान करने वालों से कम है यानी 2.5 करोड़ से कम |

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