पर्रिकर की यादें: 2018 का कोर्ट का आदेश ‘बीमारी से न CM पद से हटेंगे न अयोग्य होंगे…’

पणजी (गोवा) : 20 दिसंबर 2018 को बाम्बे हाईकोर्ट नें गोवा CM के मेडिकल चेकअप कराने वाली याचिका को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजी अधिकारों के उल्लंघन करार करते हुए ख़ारिज कर दिया था |

दरअसल बात है 20 दिसंबर 2018 की जब बाम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच नें गोवा के ही स्थानीय नेता ट्रेजानो दी मेलो की उस याचिका को कोर्ट नें सिरे से ख़ारिज कर दिया जिसमें इस नेता नें उस समय बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को पद से हटाए जाने की मांग की थी |

बात वहां से शुरू होती है जब पर्रिकर 16 दिसंबर को नाक में लगी ड्रिप के बावजूद काम का निरीक्षण करने पणजी के मंडोवी नदी के निर्माण क्षेत्र पहुँच गए थे | और उनके इस जज्बे को लोगों नें खूब सराहा और वो फोटो सोशल मीडिया में बहुत तेजी से वायरल हो गई थी |

इसके बाद गोवा के विपक्षी पार्टी के नेता ट्रोजनो नें कोर्ट से मांग की थी कि पर्रिकर का मेडिकल चेकअप कराया जाए |

लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि कोर्ट  नें इस याचिका को निजी अधिकारों का उल्लंघन कहते हुए कहा था कि ” याचिकाकर्ता मुख्यमंत्री की गोपनीय व व्यक्तिगत जानकारी जानना चाहते हैं और वो भी उन्हें इस याचिका में पार्टी बनाए बिना | “

इसके बाद कोर्ट नें आदेश दिया कि ” किसी की बीमारी के कारण उसे उसके संवैधानिक पद से नहीं हटाया जा सकता और न ही उन्हें इसके लिए अयोग्य करार किया जा सकता | “

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