नई दिल्ली: योगी सरकार द्वारा नरेंद्र नाथ गिरी मौत मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार की सहमति से एक अधिसूचना जारी कर दिया है।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने ठीक एक दिन पहले महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी मौत के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसी के अनुक्रम में भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार की सहमति से मामले में CBI जांच के लिए अधिसूचना जारी कर दिया।
साधुओं के सबसे बड़े संगठनों यानी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि थे। वह सोमवार को प्रयागराज के नवंबर मठ में रहस्यमयी हालत में फांसी पर लटका पाए गए। महंत गिरी अपने पीछे 12 पेज का सुसाइड नोट छोड़ गए हैं। उस सुसाइड नोट में महंत गिरि ने आत्महत्या के लिए अपने शिष्यों आनंद गिरि और आद्या तिवारी को जिम्मेदार ठहराया था। उस सुसाइड नोट के आधार पर प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरी और आद्या तिवारी को गिरफ्तार किया है।
वहीं नरेंद्र गिरि की मौत के दो दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार आधी रात के करीब सीबीआई जांच की सिफारिश की।
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने ट्वीट किया, “यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की दुखद मौत से संबंधित घटना की सीबीआई से जांच की सिफारिश की गई है।”
इसके अलावा यूपी पुलिस ने इस रहस्यमय आत्महत्या मामले की जांच के लिए 18 सदस्यीय विशेष जांच दल का भी गठन किया था।
इससे पहले सीएम योगी ने कहा, “कई सबूत एकत्र किए गए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।