नई दिल्ली :- भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर सैकड़ों की तादाद में जातियां पायी जाती हैं और जहाँ कहा जाता है कि मंदिरो पर केवल ब्राह्मणों का कब्ज़ा रहता है, वहीँ एक तरफ आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 21वी सदी में भी देश में एक ऐसा मंदिर स्थित है जहाँ पर केवल दलित महिलाओं को ही पूजा करने दी जाती है।
दरअसल, हम आपको ओडिशा के सतभाया गावं में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहाँ पर पुजारी न ही केवल दलित बनता है, बल्कि इस मंदिर में पुरुषों का आगमन भी वर्जित है।
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इस मंदिर में पूजा-पाठ करने की इजाजत केवल दलित महिलाओं को है और लगभग पिछले 300 वर्षों से इस मंदिर की मुख्य पुजारी दलित महिला ही रही है।
हम आपको बता दे कि इस माँ पंचबाराही मंदिर में पांच मूर्तियां हैं, लेकिन पुरुष इनमे से किसी भी मूर्ति को नहीं छू सकते हैं। आज तक ऐसे कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं जो यह साबित करें कि यह मंदिर बहुत पुराना है, लेकिन गावं वालो कहते हैं कि यह मंदिर इतिहास का सबसे पुराना मंदिर है। हम आपको बता दें कि इस समय इस मंदिर की मुख्य पुजारी जानकी हैं जोकि एक दलित हिन्दू महिला हैं।