नई दिल्ली : 10 साल वाले आरक्षण की समयसीमा जनवरी 2020 को ख़त्म हो रही है।
क्या आपको पता है की संसदीय आरक्षण मात्र दस सालो के लिए दिया गया था ? आर्टिकल 334 में इसका उल्लेख है कि केवल दस वर्षो तक रहेगा माने की वर्ष 1960 को इसका अंत कायदे से हो जाना चाहिए था परन्तु ऐसा क्या हुआ की अब 70 वर्ष होने को है !
उस समय की सरकार ने 8 वे संशोधन से संसदीय आरक्षण को दस वर्ष यानि कि 1970 तक के लिए बढ़ा दिया जोकि हर सरकार के साथ दस साल बढाती रही।
पिछला संशोधन 2009 को UPA सरकार द्वारा किया गया था जिसके कारण आरक्षण 2020 तक बढ़ गया है। अगर अब सरकार 2020 से पहले कुछ नहीं करती है तो यह आरक्षण अपने आप ही समाप्त हो जायेगा।
आर्टिकल 334 सविधान में कुछ इस तरह परिभाषित किया गया है :
334. Notwithstanding anything in the foregoing provisions of this Part [Part XVI], the provisions of this Constitution relating to—
(a) the reservation of seats for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes in the House of the People and in the Legislative Assemblies of the States; and
(b) the representation of the Anglo Indian community in the House of the People and in the Legislative Assemblies of the States by nomination, shall cease to have effect on the expiration of a period of seventy years from the commencement of this Constitution: Provided that nothing in this article shall affect any representation in the House of the People or in the legislative Assembly of a State until the dissolution of the then existing House or Assembly, as the case may be.
जो हमने बखान ऊपर हिंदी में किया था उसी का अंग्रेजी में रूपांतरण लिख दिया गया है ।
कही आप यह तो सोचने नहीं लग गए है कि चलो सही है आरक्षण का अंत जनवरी 2020 है, आपकी जानकारी के लिए बताते चले कि कोई भी सरकारें आजतक इसकी समीक्षा तक नहीं कर सकी हैं।
आरक्षण देश के विभाजन का कारण बनेगा .जातिगत आरक्षण से देश मे अशांति .जन .धन की हानि हो रही हे
देश के जन प्रतिनिधि. सरकार को चाहिये की लोगो आरक्षण के नाम पर बाँटना बंद कर दे .अब समय आ गया हे देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिये जातिगत आरक्षण समाप्त होना चाहिये .सभी को बिना वर्ग भेद के आर्थिक आरक्षण मिलना चाहिये .
जिन परिवारो मे अभी तक सरकारी कर्मचारी नही हे .उस परिवार मे उस की यौग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देकर भी आरक्षण समाप्त किया जा सकता हे .जिन परिवारो मे पढ़े लिखे नही हे उन्हे एक मुश्त व्यवसाय हेतु आर्थिक सहयोग करना चाहिये .