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अंजलि तिवारी को मरने के लिए दलित नेता व पूर्व राज्यपाल के बेटे ने किया था मजबूर, कॉल डिटेल्स से हुआ खुलासा

लखनऊ: विधान भवन के आगे खुद को आग लगाने वाली महराजगंज की 30 वर्षीय अंजलि तिवारी उर्फ़ आयशा की बीती रात मौत हो गयी है। अंजलि तिवारी ने धर्म परिवर्तन कर आसिफ नाम के युवक से निकाह कर लिया था जिसका पति निकाह के कुछ दिन बाद ही नौकरी के लिए सऊदी अरब चला गया था।

अंजलि तिवारी ने महराजगंज थाने में ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था व सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहती थी। साथ ही महिला ने ससुराल पक्ष पर जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप भी लगाए थे। महिला के अनुसार वह धर्म परिवर्तन से लगातार मना कर रही थी जिसके चलते ससुराल पक्ष उसपर जुल्म ढा रहा था।

पीड़िता की अस्पताल में मौत होने से हरकत में आई यूपी पुलिस ने अपनी जाँच में कांग्रेस के दलित प्रकोष्ट के अध्यक्ष व पूर्व राजस्थान के राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक प्रसाद को गोमतीनगर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने अपनी जाँच में पाया कि बीते कुछ दिनों से दोनों में काफी बातचीत हुई थी व घटना के दिन भी आलोक व अंजलि ने आपस में फ़ोन पर बातचीत करी थी। आलोक प्रसाद की फ़ोन लोकेशन के अनुसार वह घटनास्थल के नजदीक ही मौजूद था जिसके बाद पुलिस ने आलोक प्रसाद को उसके आवास से हिरासत में ले लिया है।

दलित नेता आलोक प्रसाद पर अपने राजनितिक फायदे के लिए एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है। आलोक के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली के दरोगा नरेंद्र प्रताप राय ने खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज कराया है

ज्ञात होकि इससे पहले राजस्थान की सपोटरा विधासभा में एक पंडित को अनुसूचित जनजाति के लोगो ने जिन्दा जला डाला था। जिसके बाद एक बड़े दलित नेता द्वारा एक ब्राह्मण महिला को आत्महत्या के लिए भड़काने के बाद देश भर में एक तबके द्वारा ब्राह्मणो पर किये जा रहे अत्याचारों पर सवाल उठने लगे है।

आपको बता दें कि आलोक के पिता स्व. सुखदेव प्रसाद कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र में इस्पात व खान राज्यमंत्री के महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे।

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