गाजीपुर: गाज़ीपुर से पुलिस पर जातिवाद का आरोप मढ़ एक शख्स को बुरी तरह पीटे जाने की खबर आ रही है। जहां देश की सेवा में तैनात फौजी को सिर्फ अपनी माँ का श्राद्ध करने के लिए बुरी तरह पीट दिया गया। पिटने वाले फौजी की पूरी चमड़ी उधेड़ दी गई है।
दरअसल गाज़ीपुर जिले के ग्राम नूरपुर स्थित हाल्ट थाने की यह घटना है जहां पीड़ित के अनुसार एक दरोगा रमेश कुमार राम द्वारा पीड़ित को ब्राह्मण होने की वजह से थाने में बंद कर घंटो लगातार पीटा गया। हद तो तब हो गई जब पीड़ित पिटाई से छटपटाने लगे व उनके मुँह से राम राम निकलने लगा तो आरोपी दरोगा ने और पीटते हुए कहा कि “सालो राम राम नहीं भीम भीम बोलो। मैं तुम जैसे ब्राह्मण ठाकुरो को सबक सीखाने ही पुलिस में भर्ती हुआ हु।”
पिटाई से पीड़ितों कि चमड़ी तक उधड़ गई। वहीं यह दरोगा सिर्फ इतने तक ही नहीं रुका बल्कि इसने कई आरोपों में चालान कर परिवार के 9 पीड़ितों को जेल भेज दिया। हमने जब पीड़ित की तस्वीरें देखी तो हमारी भी रूह काँप गयी। भला कौन पुलिस वाला इतना क्रूरता बरत सकता है।
वही प्रार्थी के अनुसार किसी तरह पीड़ितों ने कोर्ट से जमानत हासिल करी। जमानत हासिल करने के बाद भी जब पीड़ितों ने FIR दर्ज कराने के लिए थाने का रुख किया तो उन्हें बेइज्जत करके व झूठे मुक़दमे में फ़साने की धमकी देते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया।
पीड़ितों में सबसे अधिक गंभीर हालत सुशील पांडेय की हैं जो देश की देवा में हर वक़्त तैनात रहते थे। इसके अलावा इनके भाई संबधी भी सरकारी नौकरी में ही तैनात हैं।
क्या था पूरा मामला
दरअसल पीड़ितों के तरफ से लिखे गए एक पत्र के अनुसार घर में पीड़ितों की बड़ी माता माया देवी का 15 जुलाई को निधन हो गया था जिसके बाद 27 जुलाई को आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध होना था। श्राद्ध के दौरान पीड़ित के सगे सम्बन्धी भी पीड़ित के घर पहुंचे थे। लेकिन 26 जुलाई को शाम 6 बजे के करीब जब पीड़ित सुशील पांडेय, कमल पांडेय, अविनाश पांडेय, निर्भय पांडेय, इंद्रजीत पाण्डेय व विशाल पांडेय श्राद्ध में आने वालो के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे थे तभी सादी वर्दी में थाना प्रभारी रमेश कुमार राम अपने अन्य साथी सूरज बिंद, विनोद यादव, कृष्णानंद यादव, राम कृष्ण मुजवा व अन्य 6 लोगो के साथ वहां पंहुचा था।
जिसके बाद थाना प्रभारी ने आरोप मढ़ते हुए कहा कि तुम लोग घर में झनकू पांडेय को छुपा कर बैठे हो। जिसपर घर के लोगो द्वारा सबसे पहले तमीज में बात करने की बाते कही। बस इतना कहते ही थानाप्रभारी ने ललकारते हुए अपने साथियो से कहा कि इन ब्राह्मणो कि आज हड्डिया तोड़ दो। जिसके बाद सभी पुलिसकर्मियो ने मिलकर लाठी डंडो व बन्दुक के कुन्दा से मारना पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद कई लोग बचने के लिए घर में घुस गए।
वहीं पुलिसकर्मियो ने घर में घुसकर पीड़ितों को मारना पीटना व घर में सभी सामानो को तोडना शुरू कर दिया। पीड़ितों कि चीखे सुनकर गाँव के लोग इक्खट्टा हो गए तो पुलिसकर्मी उन्हें गाड़ी में भरकर थाने ले गए जहां मानव क्रूरता की सभी हदे पार कर दी गई। पीड़ित को रात भर थाने में पीटा गया। पिटाई से जब पीड़ित का बदन छील गया तो पीड़ित रोते हुए राम राम करने लगे। राम राम सुनते ही थाना प्रभारी और भड़क गया।
उसने अपने जूते को पीड़ितों को मुँह में भरते हुए कहा कि राम राम नहीं भीम भीम बोलो, मैं तुम जैसे ब्राह्मण ठाकुरो को ही सबक सीखाने पुलिस में भर्ती हुआ हु”। पिटाई से पूरी तरह बेसुध हो जाने पर भी इन पुलिसकर्मियो का दिल नहीं पसीजा तो इन्होने मुक़दमे में चालान कर 9 लोगो को जेल भेज दिया।
वहीं अभी तक पीड़ितों की FIR दर्ज नहीं करी गयी हैं और न ही दरोगा रमेश कुमार व अन्य पुलिस कर्मियों की कोई गिरफ्तारी की गयी हैं।
वहीं पुलिस की इस बर्बरता के कारण हिन्दू धर्म का सबसे महत्ववपूर्ण संस्कार श्राद्ध नहीं हो पाया।
पीड़ितों की तस्वीरें देख कर साफ़ लग रहा हैं कि पिटाई का मंजर कितना भयावह रहा होगा। आप सोचकर देखिये अगर ऐसा बर्ताव पुलिस आपसे करेगी तो कब तक अमेरिका की तर्ज पर लोग जॉर्ज फ्लॉयड जैसा आंदोलन करने से बचेंगे।
वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार झूठ बोल रहा है.
गाज़ीपुर पुलिस के अनुसार पीटे गए पक्ष ने एक मुजरिम को छिपाने पर पूछने पर पुलिस से हाथापाई करी थी जिसमे 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
लेकिन इतना विवाद हो जाने के बावजूद घायल पुलिसकर्मियो की तस्वीरें पुलिस ने साझा नहीं करी है। खैर अगर पुलिस की बातें मान ली जाये तो भी इतना बुरी तरह से क्यों किसी पीड़ित को पीटा जाता है।
वहीं गाज़ीपुर पुलिस के इस कारनामे के बाद सोशल मीडिया पर दरोगा के खिलाफ कार्यवाई की मांग तेज हो गयी है।
(उपयुक्त खबर पीड़ितों के बयानों व उनके द्वारा लिखे गए पत्र पर आधारित है, पुलिस द्वारा कार्यवाई कर सच उजागर किया जायेगा)
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