नई दिल्ली: प्याज के बेकार छिलको से प्राप्त पोरस कार्बन नैनो पार्टिकल्स का उपयोग करते हुए, भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने उन्नत फोटोमैकेनिकल क्षमता वाले सॉफ्ट रोबोटिक एक्ट्यूएटर विकसित किए हैं।
ये एक्ट्यूएटर्स कम-शक्ति वाले नियर इन्फ्रारेड (एनआईआर) लाइट को रोशनी प्रदान करने के लिए एक निपुण ट्रैप के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा ये कंट्रोल सिग्नल को दवा आपूर्ति, पहनने योग्य एवं सहायक उपकरणों, सर्जरी और यहां तक कि कृत्रिम अंगों जैसे बायोइंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के साथ यांत्रिक गति को नियंत्रण संकेतक में परिवर्तित कर सकते हैं।
ये सॉफ्ट रोबोट या एक्चुएटर्स रबड जैसे पॉलीमर से युक्त होते हैं और इनमें नैनोमैटेरियल्स लगे होते हैं, जो ऊर्जा के स्रोत को यांत्रिक गति में परिवर्तित करके जैव-चिकित्सा, सैन्य और रिमोट स्पेस परिचालनों सहित विभिन्न क्षेत्रों में लक्षित अनुप्रयोगों के साथ काफी दिलचस्पी अर्जित कर रहे हैं। ऐसी दिलचस्पी के लिए मुख्य रूप से इनका लचीलापन, सामर्थ्य और आसानी से अनुकूलनता और पूर्वनिर्धारित गति का निर्माण मुख्य कारण हैं।
इन नैनोफॉर्मों की उच्च तापीय चालकता के थर्मल और फोटो-थर्मल उद्दीपन द्वारा स्थानीय रूप से सृजित उष्मा का तेजी से वितरण किया जा सकता है। इन एक्चुएटर्स को विकास के अगले स्तर तक ले जाने के लिए ऊष्मा ट्रैप्स का सृजन करके कुछ अधिक अवधि के लिए समाविष्ट करने हेतु सृजन किया जा सकता है, ताकि प्राप्त फोटोमैकेनिकल एक्ट्यूएशन को बढ़ाया जा सके।
सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस), बेंगलुरु में प्रो. एस. कृष्ण प्रसाद के नेतृत्व वाली एक टीम ने पोरस कार्बन नैनो पार्टिकल्स का उपयोग करते हुए ऐसा अनुभव प्राप्त किया। ‘जर्नल ऑफ नैनोस्ट्रक्चर इन केमिस्ट्री’ में अभी हाल में प्रकाशित शोध कार्य के अनुसार बी.एम.एस. इंजीनियरिंग कॉलेज, बेंगलुरु के डॉ गुरुमूर्ति हेगड़े द्वारा प्याज के बेकार छिलकों से पोरस नैनो कार्बन्स (पीसीएन) तैयार किए गए।
अधिक सरंध्रता (पोरोसिटी) वाले पीसीएन की विशिष्ट सतह लो-पावर नियर इन्फ्रारेड (एनआईआर) लाइट के लिए एक उपयुक्त ट्रैप्स थी, जिसके परिणामस्वरूप पीसीएन और पीडीएमएस से युक्त फिल्म ने अधिक मैग्निटूड (मल्टी-मिमी) एक्चुवेशन अर्जित किया, जो तेज प्रतिक्रियाओं (सब-सेंकेंड्स) से युक्त था। इन विशेषताओं को शायद ही कभी अन्य कार्बन नैनोस्ट्रक्चर से युक्त सिंगल-लेयर फिल्मों में प्राप्त किया गया हो।
शोधकर्ताओं ने इस हीट ट्रैपिंग क्षमता का श्रेय पीसीएन को तैयार करने की विधि को दिया है। सीनियर रिसर्च फैलो प्रज्ञा सत्पथी ने बताया कि किये गये विस्तृत मापों से पता चलता है कि फोटोथर्मल रूपांतरण दक्षता और गर्मी-ट्रैपिंग क्षमता मजबूती से सह-सम्बन्धित है, जो पीसीएन तैयार करने के लिए नियोजित पायरोलिसिस तापमान से भी जुड़ी है। इस प्रकार यह एक प्रभावी नियंत्रण मानदंड है।
एक मूल्य संवर्धन के रूप में इस टीम ने अतिरिक्त अल्ट्राथिन (30 एनएम) गोल्ड लेयर का भी पता लगाया है, जिसका एक्चुवेशन मैग्निटूड दोगुने से भी अधिक हो सकता है। इसके अलावा इसके द्विदिशिक फोटो नियंत्रित फेस से दोगुने से अधिक संवेदी गति प्राप्त की जा सकती है। इस प्रक्रिया के नवीन अनुप्रयोग जनित प्रदर्शन के रूप में इस टीम ने एक नियर- इन्फ्रारेड-चालित बिजली स्विच भी तैयार किया है, जो एलईडी सर्किटों को सक्रिय बना सकता है, जिसका इसी प्रकार के अनुप्रयोगों में उपयोग किया जा सकता है।