चंडीगढ़ (पंजाब): कोरोना संकट के बीच परीक्षा के दवाब में छात्र ने जीवन ही समाप्त कर लिया।
जहां कोरोना ने लोगों को जिंदगी को दुश्वार कर रखा है वहीं UGC अब देशभर के छात्रों के लिए सरदर्द बन गया है। UGC ने 6 जुलाई के दिशानिर्देश में कहा कि सभी कॉलेज यूनिवर्सिटी 30 सितंबर तक परीक्षाएं करा लें।
उधर रोज बदलते दिशानिर्देश से पंजाब में एक छात्र ने तो गलत कदम तक उठा डाला। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब यूनिवर्सिटी में बीए फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं होने से परेशान एक छात्र करन वर्मा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जब परिजनों ने उसे फंदे से लटकता देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने छात्र को स्थानीय जीएमएसएच-16 पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सेक्टर-38 निवासी करण वर्मा (22) को मृत घोषित कर दिया। सेक्टर-39 थाना पुलिस ने सीआरपीसी 174 के तहत मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
घटना शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे की है। करण की बड़ी बहन नीशू ने बताया कि उनका परिवार सेक्टर-38 स्थित मकान नंबर 2515 में रहता है। करण घर में सबसे छोटा था। दोपहर को मां दूसरे कमरे में थी, जबकि वह खुद दफ्तर गई थी। इस दौरान करण ने कमरे में फंदा लगा लिया। लॉकडाउन की वजह से पिछले कई महीने से बीए की परीक्षा की तिथि स्थगित हो रही थी। इससे मानसिक रूप से परेशान चल रहा था।
जबकि चंडीगढ़ के रहने वाले करन के दोस्त महक धीमन ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि “मेरे दोस्त ने परीक्षा के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली।”
@advocate_alakh Sir yesterday evening my friend commits suicide because of exams pressure. Sir please 🥺 help us 😞 😣 #justiceforfinalyearstudents #31StudentsInSCAgainstUGC pic.twitter.com/FrWhaR0r3K
— Mehak Dhiman (@DhimanDhiman18) August 1, 2020
हालांकि, पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने शव जीएमएसएच-16 के मोर्चरी में रखवा दिया है। जहां कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
UGC के दिशानिर्देश में छात्रों की चिंताएं नहीं: याचिका
यूजीसी की नई गाइडलाइन्स जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि यूजीसी की नई गाइडलाइन्स में स्टूडेंट्स का ख्याल नहीं रखा गया है। नई गाइडलाइन्स में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी एग्जाम्स 30 सितंबर तक करा लें। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने दलील दी कि कई विश्वविद्यालयों के पास तो परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्टर ही नहीं है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी की गाइडलाइन्स में ऑफलाइन एग्जाम का भी ऑप्शन है। यूजीसी ने कहा कि किसी को भी इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय इस मसले पर विचार कर रहा है, तो अंतिम साल और सेमेस्टर की परीक्षा पर रोक लग जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को करेगी सुप्रीम कोर्ट।