जयपुर (राजस्थान): राजस्थान सरकार की मदरसा को फंडिंग पर विहिप ने कड़े सवाल खड़े किए हैं।
असम सरकार के सरकारी मदरसों को बंद करने की घोषणा के बाद देश भर में मदरसा चर्चा का विषय बन गया है। उधर राजस्थान की अशोक गहलोत वाली कांग्रेस सरकार मदरसा छात्रों की बीमा योजना की घोषणा कर दी हैहालांकि इस फैसले का विरोध भी विश्व हिंदू परिषद की ओर से किया जाने लगा है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने राजस्थान के गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, “मदरसे साम्प्रदायिक शिक्षा के केंद्र होते हैं जिन पर देश की सेक्यूलर सरकारें पैसे लुटा रही हैं?? देश के संविधान का कौन सा अनुच्छेद उन्हें ऐसा करने की अनुमति देता है? या तो सेक्युलरिज्म छोड़ो या साम्प्रदायिकता, सेकुलरिज्म के नाम पर यह साम्प्रदायिकता क्या उचित है?”
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राजस्थान सरकार द्वारा जारी विज्ञापन को शेयर करते हुए कहा, “ये लो! राजस्थान की सेक्यूलर सरकार का कम्यूनल एजेंडा.. साम्प्रदायिकता के केंद्र राज्य के हर मदरसों को अब मिलेगी 15 से 25 लाख की खैरात।”
गहलोत सरकार कराएगी मदरसा छात्रों की बीमा:
राजस्थान सरकार के बजट सत्र 2020-21 में वित्त एवं विनियोग विधेयक 2020 पर चर्चा के दौरान की गई घोषणा के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी स्कूलाें में अध्ययनरत विद्यार्थियों की भांति अब प्रदेश के पंजीकृत 3248 मदरसों में अध्ययनरत एक लाख 90 हजार छात्र-छात्राओं का भी ग्रुप बीमा करवाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार अब दुर्घटना होने की स्थिति में विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के नियमों के अनुसार इन बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
मदरसा बोर्ड को वित्त विभाग ने सहमति:
अब योजना के अनुसार प्रत्येक छात्र-छात्रा के इंश्योरेंस पर राजस्थान मदरसा बोर्ड की ओर से कुल 19.21 लाख रुपए का व्यय किया जाएगा। योजना की सभी शर्तें स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से की गई पॉलिसी अनुसार रखी जाएंगी।
इस राशि को खर्च करने के लिए मदरसा बोर्ड को वित्त विभाग की ओर से सहमति प्रदान कर दी गई है। अब इसी सत्र से बच्चों का समूह बीमा करवाया जा सकेगा।