चिराग़ पासवान बनें LJP अध्यक्ष, दलितों की पार्टी में 2 दशकों से करोड़पति पिता-पुत्र का ही कब्ज़ा ! !

पटना (बिहार) : रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में स्थापना के लेके आज़तक अध्यक्ष पासवान परिवार के अलावा कोई और नहीं बन पाया है।

परिवारवाद की जड़ें देश की सियासत में अपनी जड़ें मजबूत ही कर रहा है बजाय इसके ऊपर उठने के। देश की सभी बड़ी पार्टियों में परिवारवाद का भविष्य खतरनाक साबित होता जा रहा है जहाँ, UP में सपा तो बिहार में RJD, राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस में गांधी परिवार तो BJP में भाई भतीजावाद।

BJP & Congress

हाल ही में आई ख़बर पर विश्लेषण करें तो बिहार की महत्वपूर्ण पार्टी लोक जन शक्ति नें अपना नया अध्यक्ष घोषित किया है। और वो होंगे रामविलास पासवान के पुत्र दो बार से सांसद चिराग़ पासवान।

इस घोषणा पर परिवारवाद का कटाक्ष करते हुए पत्रकार विनोद कापड़ी बोले, “ये वंशवाद नहीं है, वंशवाद सिर्फ गांधी परिवार वाला ही कहलाता है।”

चिराग मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष, पार्टी के निवर्तमान प्रमुख और उनके पिता रामविलास पासवान द्वारा चुने गए।

इसके अलावा पासवान परिवार से ही समस्तीपुर सांसद प्रिंस पासवान को बिहार LJP प्रमुख बनाया गया है। आपको बता दें कि प्रिंस रामविलास पासवान के छोटे भाई स्वर्गीय रामचरण पासवान के बेटे हैं।

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया।”

प्रमुख रूप से दलित-वंचितों की राजनीति पार्टी कही जाने वाली LJP साल 2000 में JDU के एक हिस्से से अलग होकर बनीं थी। पार्टी के स्थापना के समय से ही रामविलास पासवान इसके अध्यक्ष रहे हैं और लगभग 2 दशकों के बाद भी वही इसके अध्यक्ष बने रहे।

अब 73 वर्षीय रामविलास पासवान नें पार्टी का कार्यभार सर्वसम्मति से अपने ही बेटे को सौपा है।

Ramvilas Paswan & His Son Chirag

LJP, जो मुख्य रूप से बिहार में दलितों के मसीहा बताते हैं उसमें ख़ुद करोड़पति पिता पुत्र का 2 दशकों से क़ब्ज़ा है।

2019 चुनाव में रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग़ पासवान नें अपनी कुल जितनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था उसमें दोनों करोड़पति रहे हैं।

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